अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा – अफीम का नाम सुनकर दिमाग में सबसे पहले नशे का ही ख्याल आता है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि अफीम से बहुत ही लाभकारी आयुर्वेदिक दवाएं भी तैयार की जाती हैं। ध्यान रखें अफीम और अफीम युक्त दवाओं का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
तीव्र गंध युक्त यह औषधि पोस्त नामक पौधे से प्राप्त की जाती है जिसका मुख्य रूप से उत्पादन उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, असम और मध्यप्रदेश में होता है। अफीम एक बेहद अधिक प्रचलित नशा का संघटक है जिसका स्वाद कड़वा और कसैला होता है।
आपको बता दें कि अफीम ग्रहण करने वाले व्यक्ति के नाड़ी पर सीधा असर करता है जिसका परिणाम नींद आना, चक्कर आना, होश गवां बैठना, नशा का प्रभाव होना, और लगातार सेवन से इसकी लत भी पड़ जाती है। लेकिन सही तरह से प्रयोग किया जाए और सही दिशा में प्रयोग किया जाए तो अफीम एक शानदार और शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है।
आज के आर्टिकल में हम यही जानने वाले हैं अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा कौन सी हैं (Afeem Yukt Ayurvedic Dawa) जो आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकती हैं। हम जानेंगे अफ़ीम टैबलेट कौन सी हैं और अफीम खाने से फायदे क्या होते हैं। बने रहिए इस अनोखे आर्टिकल के साथ अंत तक, चलिए शुरू करते हैं।
अफीम क्या है और अफीम खाने से क्या होता है ?
अफीम एक नशीला पदार्थ है जो खसखस के पौधे (शुरुआती पोस्ता) से प्राप्त होता है। यह एक दूधिया तरल पदार्थ है जिसे पौधे के कटे हुए फल से निकाला जाता है। अफीम को सुखाकर, इसे अफीम पाउडर में बदला जा सकता है। अफीम को अन्य दवाओं, जैसे मॉर्फिन, हेरोइन, और कोडीन में भी संसाधित किया जा सकता है।
स्वास्थ्य लाभ के लिए अफीम का उपयोग कई तरह के लिए किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
- मध्यम से गंभीर दर्द का इलाज
- खांसी को कम करना
- दस्त को कम करना
- कुछ प्रकार के कैंसर के इलाज में सहायता
इस प्रकार अफ़ीम का उपयोग छोटी से लेकर गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है लेकिन गलत हाथों में लगने से इससे गंभीर मादक पदार्थ भी बनाए जाते हैं जिससे नशे की लत लग जाती है। अफीम की लत से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें सांस लेने में समस्या, हृदय संबंधी समस्याएं, और मृत्यु शामिल हैं।
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अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा – Ayurvedic Medicine Containing Opium
जैसा कि हमने बताया अफीम में कई औषधीय गुण होते हैं, जिनका उपयोग कई प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जा सकता है। आयुर्वेद में अफीम का उपयोग करने के लिए कई तरीके हैं। अफीम को अक्सर एक द्रव्य, चूर्ण, या गोली के रूप में लिया जाता है। हम आपको ऐसी ही 5 दवाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
दर्द निवारक आयुर्वेदिक दवा है ओपिओइड (Opioid)
अफीम गंभीर बीमारी में जीवनरक्षक और असहनीय दर्द में राहत देने वाली दवाओं का स्रोत है और ऐसी ही एक अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा है ओपिओइड जो वास्तव में अफीम का ही एक रूप है। इसमें मार्फिन, नर्कोटीन, कोडीन, एपोमॉर्फीन, आपिओनियन, इत्यादि की मात्रा मिलाई जाती है जो इसे शक्तिशाली दर्दनीवारक बनाते हैं।
इसका खास तौर पर प्रयोग ऑपरेशन और सर्जिकल स्थिति यानी चीर फाड़ के समय किया जाता है ताकि दर्द का अनुभव न हो। इसके साथ ही यह पुरानी लाइलाज बीमारियों में, खांसी में, और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में भी कारगर है। लेकिन इसका प्रयोग सिर्फ डॉक्टर की देखरेख में किया जाना चाहिए, अन्यथा व्यक्ति को लत लग सकती है।
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कर्पूर रस है अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा
कर्पुर रस एक आयुर्वेदिक औषधि है जो गंभीर बुखार और डायरिया के इलाज में प्रयोग की जाती है हालांकि इसमें अफ़ीम की मात्रा काफी सीमित होती है। इसके अलावा यह वात पित्त और कफ को बैलेंस करने में भी काफी मददगार साबित होता है। कर्पुर रस में शुद्ध हिंगुल, इंद्रुयावा, जातिफल, मुस्ता, इत्यादि ताकतवर जड़ी बूटियां पाई जाती हैं। किसी भी प्रकार की निर्बलता, कमजोरी, या यौन कमजोरी में भी इसकी सलाह दी जाती है।
दस्त के उपचार में है अफीम खाने के फायदे
थोड़ी मात्रा में अफ़ीम लें और उसे एक विशेष पेड़, जिसे खजूर कहते हैं, के अंदर रख दें। फिर इसे आग पर गर्म कर लें. इसके बाद इसे कूटकर चूर्ण बना लें और मूंग के आकार की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। ये गोलियाँ दस्त, पेट में ऐंठन और उल्टी को बेहतर महसूस कराने में मदद कर सकती हैं।
बच्चों को वयस्कों की तुलना में केवल आधा ही खाना चाहिए। दस्त और पतले मल को रोकने का दूसरा तरीका खसखस के बाहरी आवरण के साथ उबाला हुआ पानी पीना है।
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यौन उपचारों के लिए अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा है जातीफालादी वटी
आप यौन उपचार और सैक्स संबंधी समस्याओं के लिए अनेक प्रकार की दवाइयां इस्तेमाल करते होंगे। लेकिन आपको शायद ही पता होगा कि अफीम टैबलेट जातीफालादी वटी आपके इन रोगों का उपचार कर सकती है। जातीफालादी वटी शीघ्रपतन, यौन अनिच्छा, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, इत्यादि का सफल इलाज करने में सक्षम है।
इसमें अफीम के अलावा अकरकरा, जायफल, लौंग, चंदन, कांकोला, पीपल, इत्यादि प्राकृतिक औषधियों की मात्रा पाई जाती है। आप डॉक्टर की सलाह पर रोजाना एक से दो गोली का सेवन कर सकते हैं लेकिन इसके रोजाना इस्तेमाल से लत पड़ सकती है, इसलिए डॉक्टर की निगरानी में लें।
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अफीम से बनी दवा है अगस्ति सूतराज रस
अगस्ति सूतराज रस एक आयुर्वेदिक औषधि है जो अतिसार, संग्रहणी, दस्त, पेट दर्द, आमांश, कफ-वात विकार, अग्निमांद्य, अनिद्रा, आमाशय व पक्वाशय की विकृति आदि में उपयोगी है। यह एक त्रिदोषशामक औषधि है, जो वात, पित्त और कफ को संतुलित करती है।
इसमें अफीम के अलावा त्रिफला, हरड़, बहेड़ा, आंवला, दालचीनी, इलायची, इत्यादि की मात्रा भी पाई जाती है जो नेचुरल तरीके से दर्द निवारक का काम करते हैं। आगस्ति सूतराज अफीम टेबलेट को आप दूध या पानी के साथ ले सकते हैं लेकिन पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए।
निष्कर्ष
दोस्तों, आज के आर्टिकल में आपने जाना अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा (Afeem yukt ayurvedic dawa) कौन सी है और अफीम खाने के क्या फायदे हैं। अफीम के इस्तेमाल करने के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं, यह निर्भर करता है कि आप किस तरह से इसका उपयोग करते हैं। आपने जाना कि अफीम से कितने सारे रोगों का इलाज सम्भव है। यहाँ बताई गई किसी भी दवा या अफीम के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लें।