
भारतीय समाज में स्त्री को देवी का दर्जा दिया गया है और भारत में लगभग हर धर्म के लोग स्त्री को मान – सम्मान की नजर से देखते हैं क्योकि महिला में करूणा, दया और ममता जैसे गुण प्राकृतिक रूप से विद्यमान होते हैं जिसके कारण उस पर पुरी घर की इज्जत व घर में सौहार्द का माहौल बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है
लेकिन वो कहते हैं ना की हाथ की पांचो ऊंगली समान नही होती उसी प्रकार हर स्त्री को प्यार और ममता की मूरत मान लेना महा मूर्खता है ।
इस प्रकार अगर किसी पुरूष के जीवन में चरित्रहीन और अवगुणी स्त्री का प्रवेश हो जाए तो उसका जीवन जीते – जी नर्क बन जाता है,
अब कुछ लोग कहेंगे की आज के आधुनिक युग में ये बाते तर्कहीन और पाखंड से ज्यादा कुछ नही है लेकिन हम पहले ही स्पष्ट कर दें की किसी भी व्यक्ति के चरित्र को उसके गुण व अवगुण बुरा या अच्छा बनाते हैं,
इससे उसके जेंडर से कोई ताल्लुक नही है, महिलाओं की तरह पुरूष भी चरित्रहीन होते हैं लेकिन आज हम इस लेख में केवल चरित्रहीन स्त्रियों के बारे में ही बताने जा रहे हैॆ
ये हैं चरित्रहीन स्त्रियों के लक्षण…….
1. चरित्रहीन स्त्रियों के एक से अधिक आशिक होते हैं, ये बडी चलाकी से एक से अधिक पुरूषों को अपने प्रेम के माया जाल में फसाएं रखती है, इनके दिल में प्रेम किसी और के लिए होता है, इजहार किसी अन्य से करती है, प्यार किसी और से करती है जबकि संबंध किसी और से ही बना रही होती हैं ।
2. ऐसी महिलाएं अपने प्रेमी या पति से ज्यादातर बातें राज रखती है, अपने जीवन के बारे में खुल कर नही बताते बल्कि उसे एक रहस्य की तरह रखती है और उसको गुमराह करती हैं,
3. ऐसी स्त्रीयों की झूठ बोलने की बिमारी होती है वो हर छोटी बात पर झूठ बोलती है और हर छोटे झूठ को दबाने के लिए कई बडे झूठ बोल देती हैं ।
4. चरित्रहीन स्त्री अपने सीक्रेट्स को तो राज रखती हैं लेकिन अपने फायदे के लिए दूसरों की बातों को आसानी से जाहिर कर देती हैं ।
5. कहते हैं जो महिलाएं स्वाभाव से ज्यादा क्रोधित होती हैं उन पर भी भरोसा नही करना चाहिये वो परिस्थिति के अनुसार चरित्र बदलने में समय नही लगता,
नोट :- ये लेख हमने इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया है, अब इन बातों में कितनी सच्चाई व तर्क है इसकी हम पुष्टी नही कर सकते, केवल इतना ही कहना चहागें की किसी भी जानकारी को अमल में से पहले दो बार जरूर सोचें