गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई कैसे होती है – Garbhashay Ki Safai Kaise Hoti Hai in Hindi

Hello friends एक बार फिर स्वागत है हैल्दी दवा के एक दिलचस्प सेहत से जुडे़ लेख में, हमेशा की तरह आज भी हम इस लेख के माध्यम से एक महत्वपूर्ण टॉपिक को सरल हिंदी में समझाने की कोशिश करेगे, तो जैसा की आपको टाइटल से पता चल गया होग आज हम यहाँ आपको बताएगे गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई कैसे होती है ?

यदि आपके गर्भाशय की सफाई पूरी तरह से नही हुई है या अपूर्ण हुई है तो उससे आपकी सेहत को क्या जोखिम है और उस हालत में आपको क्या करना चाहिये ?

इसके अलावा गर्भापत और उसके बाद होने वाली दिक्कतों से रीलेटेड भी कई महिलाओं के सवाल होते हैं जबकि कुछ औरतों के दिमाग में यह सवाल घूमता है की गर्भपात के कितने दिन बाद पीरियड आता है, और गर्भपात के कितने दिन संबंध बनाना चाहिये वगहरा – वगहरा

अगर आपने भी गर्भपात कराया है या अभी गर्भपात कराने की सोच रही हैं तो निश्चित रूप से आपको मन में कई तरह के सवाल घूम रहे होगे ।

तो अगर आप भी अबॉर्शन ( Abortion ) को लेकर परेशान, हैरान और कन्फ्यूज है तो इस लेख के माध्यम से आपकी सारी कन्फ्यूजन दूर हो जाएगी

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई और उससे Related सभी सवालों का सही व सटीक जबाब देगें

तो आइये दोस्तों बिना समय बर्वाद किये आर्टिकल को शुरू करते हैं, मगर उससे पहले जानते हैं की गर्भपात कितने प्रकार का होता है ?

गर्भपात के प्रकार – types of abortion in hindi

1. आपको जान कर हैरानी होगी मगर कुछ महिलाओं का बिना किसी कारण के भी Abortion हो जाता है उनकी शारीर या हार्मोनल प्रक्रिया ही ऐसी होती है जो बिना कुछ करे ही खुदवा – खुद गर्भ हो गिरा देती है ।

इस प्रकार गर्भ के गिरने को स्वत: गर्भपात या मिसकैरेज ( miscarriage ) कहा जाता है इस समस्या में महिलाओं को ज्यादा समय तक गर्भ नही ठहरता ।

2. कुछ महिलाएं खुद अपनी मर्जी से ये दबाव में आकार कोख में पल रहे गर्भ को गिरा देती है । इस प्रकार के अबॉर्शन में दवाओं, ऑपरेशन कुछ एक्सरसाइज के द्वारा गर्भपात किया जाता है ।

तो आइये आपको गर्भपात करने के तरीकों के बारे में थोडा बताते हैं ।

गर्भपात करने के तरीके – ways to have an abortion in hindi

गर्भपात करने के लिए लोग तरह – तरह की विधियों को आजमाते हैं जैसे –

1. घरेलू उपायों के द्वारा :- ग्रामीण और देहाती इलाकों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में महिलाएं गर्भपात करने के लिए कई नेचुरल औषधियों का उपयोग कर के अबॉर्शन करती है ।

इस प्रक्रिया में कुछ खास प्रकार की जड़ी बुटियो को मिक्स कर के उनका काढ़ा, पेस्ट या पाउडर बना कर Regularly तब तक Use किया जाता है जब तक गर्भ गिर ना जाए ।

इसके अलावा कुछ घरेलू नुस्खों का भी use Abortion करने के लिए किया जाता है, लेकिन गर्भपात करने के लिए ये तरीके बिल्कुल सुराक्षित नही माने जाते हैं क्योकि इनसे गर्भपात होने के कोई पक्के वैज्ञानिक प्रमाण नही मिले हैं ।

इसके अलावा इन तरीकों से अपूर्ण गर्भपात होने का डर रहता है । इन तरीकों के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप नीचे दिये आर्टिकल पढ़ सकते हैं

1. अनचाही प्रेगनेंसी का इलायची से गर्भपात कैसे करें elaichi se garbhpat kaise kare

2. दवाओं के द्वार गर्भपात :- कई एलोपैथिक दवाओं का यूज कर के आप कुछ ही दिनों में अपना अबॉर्शन कर सकती हैं । यह दवाएं शरीर में हार्मोनल चेंज लाकर गर्भ को गिराने का काम करती है ।

अगर आप इन दवाओं के बारे में जानना चहाते हैं तो नीचे दिये गये आर्टिकल्स को पढ़ सकते हैं ।

1. अनवांटेड किट से प्रेग्नेंसी कैसे खत्म करें

27 दिन में बच्चा गिराने की 10 असरकारी दवाएं 

3. तीसरा वा सबसे सुराक्षित तरीका है की आप किसी विशेज्ञ व अनुभवी स्वास्थ्यकर्मी से ऑपरेशन या सरर्जी के द्रारा अबॉर्शन कराए ।

आइये आपको इन तरीकों के बारे में थोडा बताते हैं ।

वैक्यूम एस्पिरेशन (सक्शन गर्भपात)

गर्भपात के लिए यह तरीक सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है अगर किसी महिला की प्रेग्नेंसी 3 महीने तक पुरानी है तो उसका वैक्यूम एस्पिरेशन द्वारा सुराक्षित तरीके से गर्भपात किया जा सकता है ।

इस विधि से गर्भपात कराने पर जोखिम या जटिलताओं का खतरा काफी कम होता है । वैक्यूम एस्पिरेशन में डॉक्टर वजाइना के द्वारा एक खास ट्यूब को गर्भाशय की ग्रीवा से गुजरता है और उस ट्यूब को वैक्यून मशीन से जोड दिया जाता है ।

फिर गर्भ को वैक्यून मशीन के द्वारा खीच लिया जाता है कभी – कभी डॉक्टर इस विधि को बिना मशीन के अपने हाथों से करते हैं जिसे मैन्युल वैक्यूम एस्पिरेशन कहते हैं ।

डाइलेशन एण्ड क्युरेटिज विधि – Dilation and Curettage In hindi

अबॉर्शन करने के लिए डॉक्टरों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला दूसरा तरीका है इस विधि में सर्विक्स को चौड़ा कर के गर्भाशय के अंदरूनी परत की स्क्रेपिंग की जाती है ।

आमतौर पर इसका इस्तेमाल गर्भपात अधूरा होने पर गर्भाशय की सफाई के लिए भी उपयोग किया जाता है
यह विधि वैक्यूम एस्पिरेशन थोडी सी पेचिदा है ।

इसको करने के में आमतौर पर 15 – 20 मिनट का समय लगता है लेकिन डॉक्टर आपको कुछ समय के लिए अपनी निगरानी में भी रख सकता है ।

गर्भपात से पहले की तैयारीयां – Pre-abortion preparation in hindi

किसी भी प्रकार की सर्जरी को करवाने से पहले आपको इन बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिये –

1. सर्जरी से पहले कुछ ना खाएं, खाली पेट ही रहें
2. सभी जरूरी जाँचो ( Tests ) को करवा लें
3. सर्जरी की डेट को भी ध्यान में रखें
4. सर्जरी की क्या योजना है
5. अगर कोई सवाल मन में हो तो डॉक्टर से जरूर पुछें
6. चिकित्सक से सलाह जरूर लें
7. एनेस्थीसिया का टेस्ट पहले करवा लें

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गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई – garhpat ke baad garbhashay ki safai

गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई
गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई

गर्भपात के सही से ना होने या गर्भाश्य में बचे टिश्यू को निकालने या फिर गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई के लिए Dilation and Curettage विधि का ही Use किया जाता है ।

आइये जानते हैं की डाइलेशन एण्ड क्युरेटिज के द्वारा
गर्भाशय की सफाई कैसे होती है ।

1. महिला को टेबल पर लेटाया जाता है और उसकी ऐडियों को रकाब पर रखा जाता है ।

2. गर्भाशय ग्रीवा की जाँच और उसको देखने के लिए वजाइना ( Yoni ) में स्पेकुलम नाम का एक यंत्र डाला जाता है ।

3. गर्भाश्य ग्रीवा को नरम करने के लिए हो सकता है डॉक्टर आपको मिसोप्रोस्टोल दे,

4. ग्रीवा को सही से फैलाने के लिए लोहे की एक मोटी रोड का इस्तेमाल किया जाता है ।

5. इतना करने के बाद रोड को निकाल लिया जाता है और सक्सन डिवाइस को डाला जाता है जो कुछ – कुछ चम्मच की तरह दिखता है ।

6. इसी Device के जरिये गर्भाशय की सफाई की जाती है ।

गर्भाशय की सफाई के बाद की देखभाल

1. गर्भाशय की सफाई करवाने के बाद कुछ दिन तक आपके ऐठन या धकान महसूस हो सकती है इसलिए आराम करें

2. आपको थोडी थकान भी फील हो सकती है जोकि पुरी तरह नॉर्मल है

3. कुछ टाइम के लिए टैम्पॉन ( Tampons ) का इस्तेमाल बंद कर दे इससे संक्रमण होने का खतरा रहता है ।

4. आपको थोडा असहज लगेगा लेकिन जितना हो सके हिलते – डुलते रहने की कोशिश करें

5. दर्द ज्यादा होने पर आप Pain कम करने के लिए डॉरक्टर से कुछ दवाएं ले सकती हैं

6. कुछ दिन के लिए शारीरिक संबंध बनाने, बहारी समान उठाने और नहाने से परहेज करें

7. आप डाइट को सामान्य रख सकतें हैं लेकिन अगर डॉक्टर ने कुछ खाद पदार्थों को लेने से मना किया है तो उनसे परहेज करें और अपना आहार हैल्दी रखें ।

8. किसी भी प्रकार की असुविधा या असामान्यता होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें

9. आप जल्दी रीकवर होने के लिए डॉक्टर से सलाह – मशवरा भी कर सकती हैं ।

10. चिंता, तनाव और स्ट्रेस से दूर रहें आप जल्द ही रीकवर हो जाएगी, अमूमन तीन दिन में महिलाएं पहले की तरह नॉर्मल हो जाती हैं ।

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गर्भाशय की सफाई क्यों की जाती है – garbhashay ki safai kyo ki jaati hai

गर्भाशय की सफाई ( garbhashay ki safai ) निम्नलिखित कारणों से करवाई जाती है –

1. गर्भपात के या मिसकैरेज के बाद गर्भ में बचे टिश्यूस या ऊतकों को निकालने के लिए

2. कैंसर के ट्यूमर को निकालने के लिए

3. दो पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग वजह जानने के लिए

4. महिलों को जानन अंगो के संक्रमण से बचाने के लिए

5. गर्भपात करने के लिए

महिलाएं गर्भपात क्यो कराती हैं

अमूमन महिलाएं गर्भपात या Abortion अनचाही प्रेग्नेंसी से छुटकारा पाने के लिए कराती है ।

लेकिन क्या आप जानते हैं की ऐसी कोनसी परिस्थितियां आ जाती है कि एक औरत अपने बच्चे को जन्म देने से पहले ही उसे अपनी कोख में खत्म कर देती है ? आइये जानते हैं

1. प्रेग्नेंसी से माँ की जान को खतरा होने पर
2. बच्चे को विकलांगता होने की संभावना होने पर
3. बलात्कार के कारण महिला का गर्भ ठहरा हो
4. महिला शारीरिक या मानसिक रूप से बच्चे को जन्म देने या उसको पालने की स्थिति में ना होने पर
5. बच्चों की संख्या पहले ही पर्याप्त हो और माँ को दूसरे बच्चे की इच्छा ना हो
6. परिवार नियोजन का अभाव
7. महिला जिन बच्चों का पालन पोषण कर रही है वो यदि ज्यादा छोटे हो
8. महिला को परिवार द्वारा Abortion के लिए विवश किया जा रहा हो

तो ये कुछ परिस्थितियां होती है जिसमें एक महिला गर्भपात करने का विचार करती है ।

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गर्भपात के कितने दिन बाद पीरियड आता है – abortion ke kitne din baad period aata hai

अभी तक हमने आपको गर्भपात के बाद गर्भ की सफाई के बारे में बताया लेकिन जो भी महिला गर्भपात कराती है उसके मन में कई सवाल घूमते हैं

जैसे – गर्भपात के कितने दिन बाद पीरियड आता है या अबॉर्शन के कितने दिन बाद पीरियड आता है तो अगर आपने भी हाल ही में Abortion कराया है तो आप भी इस सवाल का जबाव जानने की इच्छुक होगी ।

So अगर आपका हाल ही में सक्सेसफुली अबॉर्शन हुआ है तो आपको 4 से 8 हफ्तों के अंदर पीरियड आना शुरू हो जाएगे ।

अगर Abortion के बाद आपको महावारी ना हो या प्रेग्नेंट होने में दिक्कत हो तो अपने डॉक्टर से जरूर बात करें ।

तो हमें आशा है की आपको अपना सवाल गर्भपात के कितने दिन बाद पीरियड आता है – abortion ke kitne din baad period aata hai का जबाब मिल गया होगा ।

गर्भपात के बाद कमजोरी दूर करने के उपाय

गर्भपात के बाद गर्भ की सफाई कराने के बाद आपको शारीरिक कमजोरी हो रही है तो आप डाइट और लाइफस्टाइल में चेंज कर के इस समस्या को दूर कर सकती है ।

लेकिन अगर समस्या ज्यादा समय तक बनी हुई है तो अपने डॉक्टर से बात करें

1. कैल्शियम से भरपूर चीजें खाए :- अक्सर देखने में आता है की प्रेग्नेंसी के दौरान महिलीओं में कैल्शियम की मात्रा तेजी से कम होती है ।

इसलिए गर्भपात के बाद कैल्शियम युक्त खाद पदार्थों जैसे – दूध, सी फूड, हरी सब्जियां, सूखे मेवे आदी का सेवन करें ।

2. आइरन की मात्रा बढ़ाये :- गर्भपात के बाद अक्सर ब्लीडिंग की समस्या देखने को मिलती है जिससे महिलाओं में आइरन की कमी हो जाती है तथा उन्हे थकावट और कमजोरी भी होने लगती है ।

इस स्थिति से निपटने के लिए आपको अपनी डाइट में आइरन और दूसरे पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाना चाहिये और एक Healthy diet plan को Follow करना चाहिये ।

क्या ना खाए :- कार्बोहाइड्रेट हमारी बॉडी को ऊर्जा प्रदान करने का कार्य करता है लेकिन फाइबर स्‍टार्च वाली चीजें हमारी बॉडी में शुगर के लेवल में काफी ऊतार – चढ़ाव कर सकती है इसलिए इनसे परहेज करें

4. खुश रहें :- अगर आपका गर्भपात मिसकरेज के कारण हुआ है तो ये सब आपके लिए भावनात्मक रूप से काफी दर्दनाक रहा होगा ।

लेकिन जल्दी स्वस्थ होने और दोबारा गर्भधारण करने के लिए आपका पहले की तरह हैल्थी होना पडेगा इसलिए आपको ज्यादा से ज्यादा हैप्पी रहना चाहिये और अपना स्ट्रेस लेवल कम करने के लिए मेडिटेशन व योग का सहारा लेना चाहिये ।

गर्भपात के बाद पेट फूलना – garbhpat ke baad pet fulna

अगर गर्भपात के बाद आपको पेट फूला हुआ महसूस हो तो हो सकता है की आपके पेट पर सूजन हो जोकि बिल्कुल भी सामान्य नही है ऐसी स्थिति में आपको तुरंक डॉक्टर को दिखाना चाहिये ।

एबॉर्शन के बाद कब गर्भवती सकती हैं – abortion ke baad dobara kab pregnant ho sakrti hain

अगर आपका मिसकरेज हुआ था तो सबसे पहले आप इसका कारण ढूढ़ कर इसका निवारण करें, आमतौर पर महिलाएं अबॉर्शन के बाद शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान रहती है ।

इसलिए आप जल्दवादी ना करें और अपनी शारीरिक हैल्थ के साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखते हुए जब आप मेंटली भी प्रेग्नेंट होने के लिए तैयार हो तभी गर्भवती होने का निर्णय लें ।

निष्कर्ष

So दोस्तों इस लेख में हमने आपको गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई या गर्भपात के बाद गर्भ की सफाई के बारे में बताया, हमें आशा है की आपको ये लेख पसंद आया होगा, अगर आप इसी तरह से हैल्थ से रीलेटेड आर्टिकल के शौकीन है तो हमारे ब्लॉग से जुडे रहें । पोस्ट को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद

 

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