100% कामयाब घुटने का दर्द उपाय पतंजलि द्वारा

वो Time गया जब घुटनों और जोड़ों के दर्द ( joint and knee pain ) जैसी समस्याएं बुढ़े और बुजुर्ग लोगों को ही होती थी आज कल बिगडी हुई लाइफस्टाइल और खराब खान – पान के चलते बच्चों में भी इस समस्या को देखा जा सकता है कुछ लोगों में यह समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है जिसकी वजह से वो रोज-मर्रा के कामों को भी नही कर पाते इस स्थिति में घुटने का दर्द उपाय पतंजलि द्वारा मरीज को आराम दिया जा सकता है ।

अगर आप भी लगातार हो रहे घुटनों के दर्द से परेशान हो गए हेैं और अपने दैनिक जरूरी कामों को भी नही निपटा पा रहे हैं तो ये लेख आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा ।

इस लेख में हम आपको घुटनों के दर्द के लिए हर संभावित इलाज के बारेे में बताएगे आपको बताया जाएगा कम उम्र में घुटनों का दर्द ( Knee pain at an early age ) होने का क्या कारण है, घुटनों के दर्द का आयुर्वेद में क्या इलाज है, और घुटनों का दर्द दूर करने के सबसे कारगर घरेलू उपाय ( Natural Home Remedies For Knee Pain ) कौनसे हैं ?

घुटनों में दर्द होने का कारण – Knee pain causes in hindi

घुटने का दर्द उपाय पतंजलि
घुटने का दर्द उपाय पतंजलि

घुटनों में दर्द क्यों होता है :- घटनों के दर्द के एक नही बल्कि अनेक कारण होते हैं और आमतौर पर देखने में आता है की व्यक्ति और हालत के अनुसार घुटनों में दर्द के कारण ( Knee pain causes ) भी अलग होते हैं लेकिन फिर भी कुछ फैक्टर्स होते हैं जो घुटनों के दर्द को को जन्म दे सकते हैं या उसे बढ़ा सकते हैं जैसे:-

1. घुटनों पर कोई गुप्त चोट लगना
2. हड्डियों का चोटिल होना
3. खून में यूरिक एसिड का बढ़ना
4. पैर में किसी प्रकार की मोंच, तनाव या खिचाव का आना
5. घुटनों के आस-पास की माँसपेशियों में सही से खून का प्रवाह ना होना
6. जोड़ों की उपास्थि ( कोमल हड्डी ) का भंग होना
7. घुटनों में बर्साइटिस का होना
8. शरीर में अवाश्यक तत्वों की कमी होना
9. बढ़ती हुई उम्र

इन सब के अलावा घुटनों के दर्द के पीछे टेन्डीनिस, गाउट, ऑस्टियोमायइलिटिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस, घिसा हुआ लिगमेंट, श्रोणि विकार, बेकर्स सिस्ट,
घिसा हुआ कार्टिलेज और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी बिमारीयां भी हो सकती हैं

कम उम्र में घुटनों का दर्द होने के कारण और उनका इलाज

नोट :- इस भाग में हम सिर्फ 13-18 की उम्र में होने वाले घुटनों के दर्द होने के कारण और उनके इलाज के बारे में बताएगे, अगर आपकी उम्र इससे ज्यादा है तो आप इस भाग को Skip कर सकते हैं ।

कम उम्र में घुटनों का दर्द होने वाले कारणों को तीन वर्ग ( Groups ) में बाटा जा सकता है ।

1. पूर्वकाल घुटने का दर्द, जिसे पेटेलोफेमोरल दर्द भी कहा जाता है।

2. घुटने के स्नायुबंधन और रंध्र में चोट के कारण होने वाला दर्द

3. कुछ Medical conditions जो घुटनों पर असर डाल सकती हैं

1. पूर्वकाल घुटने का दर्द,

पूर्वकाल घुटने का दर्द तब होता है जब आपके बच्चे का घुटना अधिक दबाव के कारण खांचे से बाहर निकाला जाता है। घुटने के जोड़ पर बढ़ा हुआ दबाव इन कारणों से हो सकता है :-

मांसपेशियों की ताकत और लचीलेपन में असंतुलन ( imbalances ) होने के कारण असामान्य कूल्हों का rotation.

उपकरणों की गलत ट्रैनिंक देने के कारण

घुटने के Overuse जैसे दौड़ने या कूदने के दौरान बार-बार घुटने के मुड़ने के कारण भी घुटने का दर्द हो सकता है ।

2. मोच, खिंचाव, स्नायुबंधन और टेंडन या सॉफ्ट टिश्यूस की चोट के कारण घुटने का दर्द इन कारणों से हो सकता है :-

मेनिस्कल टीअर्स :- ऊपरी पैर की हड्डी (फीमर) और निचले पैर की हड्डी (टिबिया) के बीच का कार्टिलेज टीअर्स अक्सर कम उम्र में घुटने में दर्द की वजह हो सकता है ।

लिगामेंट इंजरी:- ये एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल), पोस्टीरियर क्रूसिएट लिगामेंट, लेटरल कोलेटरल लिगामेंट और मेडियल कोलेटरल लिगामेंट की चोटें हैं जो घुटनों के दर्द को जन्म देती हैं ।

टेंडोनाइटिस: कभी-कभी चोट के कारण टेंडन में सूजन या जलन हो जाती है जिससे घुटनों का दर्द भी शुरू हो सकता है । घुटने के टेंडन में क्वाड्रिसेप्स टेंडन ( यह सामने की जांघ की मांसपेशियों को नीकैप से जोड़ता है) और पेटेलर टेंडन ( (नीकैप को टिबिया से जोड़ता है ) शामिल हैं।

इन भागों में किसी प्रकार की जोट पहुचती है तो इससे दिक्कत होने के साथ साथ तेज दर्द भी होता है ।

बर्साइटिस: – घुटनों में एक तरल पदार्थ की थैली होती है जो घुटने को कुशन करती है । अगर इसमें किसी तरह से सुजन आ जाए तो व्यक्ति को तेज दर्द का सामना करना पड सकता है इसी को बर्साइटिस कहते हैं ।

3. Medical conditions जिनके कारण कम उम्र में घुटनों का दर्द होने लगता है

ऑसगूड-श्लैटर रोग: यह एक दर्दनाक हालत है जो घुटने की टोपी से लगभग एक इंच नीचे होती है, जहां पटेला कण्डरा टिबिया (पिंडली की हड्डी) पर हड्डी के उभरे हुए क्षेत्र से जुड़ जाता है। यह स्थिति महिलाओं की तुलना पुरुषों में ज्यादा होती है और माना जाता है कि यह जांघ की मसल्स के Overuse के कारण होती है।

सिंधलिंग-लार्सन जोहानसन सिंड्रोम ( Sindling-Larsen Johansson syndrome ) :- यह घुटने के निचले हिस्से में ग्रोथ प्लेट की चोट होती है। चोट ग्रोथ पीरियड के दौरान जांघ की मांसपेशियों के बार-बार संकुचन (जैसे दौड़ना या कूदना) के कारण होती है।

जुवेनाइनल गठिया :- यह रूमेटाइड गठिया होता है, जिसकी वजह से जोड़ों में दर्द, सूजन, ऐठन और जोड़ो को हिलाने के दौरान तेज दर्द होता है । साथ ही घुटने में भी तेज दर्द शुरू हो जाता है ।

कम उम्र में घुटनों के दर्द का इलाज

डॉक्टर आपका उपचार शुरू करने से पहले आपके घुटनों के दर्द के सम्बन्ध में कुछ सवाल पूछेगा जैसे :-

1. क्या आपको घुटनों के दर्द की की वजह मालूम है ? ( For example – घुटनों में किसी प्रकार की चोट ),

क्या दर्द पैरों की हलचल से होता है जैसे- दौड़तेे या कूदते समय ?

2. घुटनो का दर्द कितना पुराना है ?

3. घुटने में किस जगह दर्द होता है ?

4. क्या घुटनों का दर्द रात के समय होता है

इन सवालों को जानने के बाद आपका डॉक्टर आपके कुछ physical exam और टेस्ट करवा सकता है इन Tests को करने का मकसद दर्द की वजह जानना है जैसे :-

1. Kneecap और घुटने की stability

2. निचले पैर, घुटने की टोपी और जांघ का संरेखण ( Alignment ) का पता करना ।

3. कूल्हों और घुटनों की गति की रेंज पता करना

4. जांघ की मांसपेशियों की ताकत, लचीलापन, दृढ़ता जानना ।

आपका डॉक्टर एक्स-रे (हड्डियों की जांच करने के लिए) या सीटी स्कैन या फिर एमआरआई (सॉफ्ट टिश्यूस, जैसे टेंडन, लिगामेंट्स को देखने के लिए) और इसके साथ ही इमेजिंग टेस्ट करवाने को कह सकता

इन सब प्रक्रियाओं को करने के बाद डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य स्थिति को जानने के बाद सही इलाज प्रदान करेगा ।

अभी तक हमने आपको कम उम्र में घुटनों का दर्द होने के कारण और उनका इलाज बताया, अब इस भाग को हम यही खत्म कर के घुटनों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज ( ayurvedic treatment of knee pain in hindi ) के बारे में जानते हैं ।

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घुटनों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज – ayurvedic treatment of knee pain in hindi

घुटनों के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार कर के दर्द को धीरे – धीरे मगर जड़ से खत्म किया जा सकता है । यहाँ हम आपको कुछ असरदार घुटनों के दर्द के आयुर्वेदिक उपाय बता रहे हैं ।

1. मेंहदी और अरंड के पत्तों को पीसकर एक लेप तैयार कर लें और प्रतिदिन दर्द वाली जगह पर लगाए इससे एक महीने में ही आपको आराम मिलना शुरू हो जाएगा ।

2. आयुर्वेद में त्रिफला को घुटनों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा की तरह use किया जाता है । इस औषधि में एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं और इसके नियमित उपयोग से सुजन भी कम होती है जिसके कारण इसे गठिया और घुटनों के दर्द में राहत देने में कारगर माना जाता है ।

3. गुग्गुल एक फैमस आयुर्वेदिक दवा है जिसका मुख्य तौर पर इस्तेमाल इम्यूनिटी बढ़ाने में किया जाता है लेकिन Immunity बढ़ाने के अलावा गुग्गुल Joints Movement को प्रेरित करता है और घुटनों के दर्द को दूर करता है ।

4. जानुवस्ती घुटने के दर्द के सबसे कारगर और इफेक्टिव आयुर्वेदिक इलाज में से एक है । इसके द्वारा पुराने से पुराना घुटनों का दर्द, सूजन और जकड़न एंव ऐठन भी दूर हो जाता है ।

इस आयुर्वेदिक उपचार में दर्द निवारक और गर्म आयुर्वेदिक तेलों को बेसन के साथ Use करके दर्द वाली जगह पर लगाया जाता है । इस उपचार विधि में आयुर्वेदिक तेलों को प्रभावित जगह पर हल्की मालिश के साथ लगाया जाता है ।

5. हल्दी दर्द, सुजन, और चोट जैसी कई समस्याओं में रामबाण उपाय की तरह काम करती है इसके अतिरिक्त हल्दी का सेवन घुटनों का दर्द और उससे जुड़ी दिक्तों में भी कारगर है आपको केवल दिन में दो बार एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच हल्दी डाल कर पीना है ।

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घुटने का दर्द उपाय पतंजलि – ghutno ke dard ki dawa patanjali

अगर आपके घुटनों में बढ़ती उम्र या कमजोर हड्डी के कारण दर्द होता है तो यहाँ बताए गए बाबा रामदेव के उपाय आपको घुटनों के दर्द से जल्दी निजात दिला सकते हैं ।

1. यदि आपकी उम्र 40 साल से ऊपर है और आपके घुटनों से टक – टक की अवाज आती है साथ ही आपकी हड्डियां भी कमजोर हैं तो पतंजलि की घुटनों के दर्द की दवा काफी लाभदायक हो सकती है ।

पुरूष पतंजलि चंद्रप्रभावटि का सेवन कर सकते हैं जबकि महिलाओं को स्त्री रसायन का सेवन करना चाहिये इससे हड्डियां मजबूत होगी ओर दर्द में भी आराम पहुचेगा ।

2. पतंजलि एलोवेरा जूस भी हड्डि के दर्द में फायदेमंद हो सकता है । बाबा रामदेव के मुताबिक इससे हड्डियों के रोग दूर होते हैं, धातु दोष दूर होते हैं और पित्त रोगों से भी बचाव होता है ।

3. वर्जिन कोकोनट ऑयल का दिन में एक चम्मच सेवन करने से भी हड्डियों की कमजोरी दूर होती है ।

4. अगर हड्डियां ज्यादा कमजोर हैं जिसके कारण घुटनों में असहनीय दर्द होता है तो पतंजलि अश्ववशीला कैप्सूल का सेवन काफी Beneficial हो सकता है । इन कैप्सूल्स को आप दो-दो सुबह शाम दूध के साथ ले सकते हैं ।

5. बाबा रामदेव के मुताबिक पतंजलि पीड़ान्तक क्योमेंट को घुटनों पर लगाने से काफी तेजी से दर्द दूर होता है । इस लेप को लगाने के पहले दिन के अंदर ही आपकी 25% समस्या दूर हो जाएगी और 9-10 तक तो घुटनों का दर्द लगभग खत्म हो जाएगा ।

निष्कर्ष

तो दोस्तों यहां आज हमने आपको घुटने का दर्द उपाय पतंजलि के बारे में बताया साथ ही कम उम्र में घुटनों का दर्द और उसका इलाज भी बताया है हमें आशा है की ये लेख आपके लिए Helpful साबित हुआ होगा ।

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