कमर का दर्द 35 से 50 साल के बीच होने वाली आम समस्या है । जिसमें व्यक्ति को कमर या पीढ में तेज या हल्का दर्द, चुभन, चमक, अकड़न या झुनझुनी सी महसूस होती हैं । वैसे ये ज्यादा गंभीर समस्या नही होती लेकिन अगर इसे नजरअंदाज कर दिया जाए तो इससे परेशानीयां बढ़ सकती है । आपको छोटे-छोटे समान्य जीवन के काम करने में भी काफी दिक्कत का सामना करना पड सकता है । तो समझदारी इसी में है की हम वक्त रहते है कमर के दर्द से झुटकारा पा लें । इसलिए आज हम इस आर्टिकल में बतएगे Kamar dard ka ilaj और Kamar dard ki dawa
ज्यादातर मामलों में कमर का दर्द बढ़ती उम्र के कारण होता है लेकिन हम कमर के दर्द के लिए केवल उम्र को ही दोष नही दे सकते, आपके सामने भी कई ऐसे उदाहरण होगें उनकी उम्र 60-70 साल है लेकिन कमर या जोड़ो का दर्द उन्हे छू तक नही पाया ।
इसके अलावा आज-कल 25 से 30 की उम्र के लोगों में भी कमर के दर्द की समस्या दिनो-दिन बढ़ती जा रही है । दरअसल कम उम्र में कमर का दर्द गलत लाइफस्टाइल और दिनचर्या का नतीजा है । आज के डिजिटल युग में हम लोगो का ज्यादातर काम एक जगह बैठ कर ही होता है जबकि ज्यादातर दफ्तर में काम करने वाले लोग पुरे-पुरे दिन एक ही जगह बैठ कर काम करते हैं । जिसकी वजह से शरीर को जरूरी श्रम नही मिलता जिसके कारण जोड़ो के दर्द या पीढ़ के दर्द की समस्या होने लगती है ।
अधिकतर मामलों में कमर के दर्द में लोगों को ऑपरेशन करवाने की जरूरत नही पडती है । यदि आप भी इस आर्टिकल में बताए गए उपायों और तरीकों का इस्तेमाल कर के कमर के दर्द से छुटकारा पा सकते है । तो चलिए जानते हैं Kamar dard ki dawa
कमर दर्द के लक्षण तथा संकेत ( Symptoms of back pain in hindi )

कमर दर्द में आपको कई प्रकार के लक्षण और संकेत दिखेगे । लक्षण वह है जो आप खुद महसूस करेगो जैसे- पीढ़ पर दर्द होना । संकेत को शायद आप ना पहचान पाए या फिर हो सकता है आपको वो नजर ना आए लेकिन दूसरा व्यक्ति उसे आसानी से देख सकता है जैसे- कमर का लाल होना । तो यहाँ हम आपको कुछ लक्षणों के बारे में बता रहे हैं ताकि आपको पता चल जाए की क्या सच में आपको कमर में दर्द है भी या नही !
•कमर की मांसपेशियों में जगह-जगह दर्द होना
•पीढ़ में चमके सी मारना या झुनझुनी सी होना
•कमर से दर्द का पैरों तक पहुच जाना
•उठने, चलने या मुडने से दार्द का तेज हो जाना
•अचानक वजन का घटना
•पीढ़ के कुछ हिस्सों या पूरी पीढ़ पर सूजन आना
•ज्यादातर समय पीढ़ या कमर में दर्द रहना
• पेशाब करने के दौरान दिक्कत होना
• अनजाने में बिना कोशिश के मल त्याग देना
•नितंबों का सुन्न सा पड जाना
•शरीर के तापमान में बढ़ोतरी होना
•धीरे-धीरे कमर के दर्द का घुटने तक पहुचना
•कमर की मांसपेशियों में खिचाब महसूस होना
कमर दर्द के कारण ( Cause of back pain in hindi )
कुछ मौकों पर ज्यादा भारी समान उठाने से कमर में दर्द हो जाता है ये दर्द अचानक से आता है और ज्यादा से ज्यादा 6 हफ्तों तक रहता है इसके बाद ये अपने आप ढ़ीक हो जाता है इसके अलावा कुछ लोगों के सोने का तरीका ढ़ीक नही होता जिसकी वजह से इनकी पीढ़ और कमर में दर्द रहता है । खैर हर व्यक्ति की जीवनशैली और शारीरिक हालत अलग-अलह होती है इसलिए कमर के दर्द के कारण भी अलग-अलग हो सकते हैं ।
लेकिन फिर भी हम यहाँ कुछ कारणों के बारे में बता रहे हैं जिसकी वजह से किसी व्यक्ति के कमर में दर्द ( Kamar me dard ) हो सकता है ।
बार-बार ज्यादा भारी सामान उठाना:- बार-बार अधिक भारी चीजों को उठाना और उठाते समय गलत पुजीशन में होने से कमर में मोच आ जाती है जिससे पीढ़ में दर्द होने लगता है । अगर व्यक्ति कमजोर या दुबला-पतला हो हड्डियों और मांसपेशियों को भी नुकसान पहुचता है ।
डिस्क में क्षति होना:- रीढ़ की हड्डि में डिस्क कुशन की तरह काम करती है । डिस्क के अदंर कोमल तत्व मौजूद होता है जो उभड़ या टूट सकता है जिससे ये नर्व में चुवने लगता है जिसकी वजह से कमर में दर्द होने लगता है ।
गठिया का होना:- गठिया कमर के आस-पास के हिस्से को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकता है ।
कंकाल की अनियमितता:- ये एक ऐसी हालत है जिसमें आपकी रीढ़ की हड्डी वक्र (स्कोलियोसिस) की ओर हो जाती है, जिससे पीठ में दर्द होने लगता है
ऑस्टियोपोरोसिस का होना:- ऑस्टियोपोरोसिस में भी कमर में दर्द होने लगता है ।
दाद होना:- दाद एक प्रकार का संक्रमण होता है यदि ये पीढ़ पर हो तो ये तंत्रिकाओं को बुरी तरह प्रभावित करता है जिससे दर्द हो सकता है ।
कोई चोट या दुर्घटना का होना:- कमर पर कोई चोट लगने या किसी दुर्घटना में पीढ़ को नुकसान होने से हड्डियो या मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है जो बाद में दर्द का कारण बन सकता है ।
धक्का या खिचांव पडना:- कमर पर किसी कारण तेज धक्का या खिचाव पडने से उस पर मोच आ सकती है ।
लगातार बैठे रहना:- लगतार बैठे रहने या लेटे रहने से हमारी कमर अकड जाती है जिसके कारण वो अपना लचीलापन खो देती हैं ।
कमर दर्द से बचाव के उपाय और समाधान ( Prevention of back pain in hindi )
अगर आपको कमर में दर्द हो भी रहा है तब भी आपको शारीरिक क्रियाए बिल्कुल बंद नही कर देनी चाहिए बरना इससे तकलीफ और बढ़ सकती है । इसके बजाय कुछ बचाव के तरीके व उपाय अपना कर कमर के दर्द की रोकथाम की जा सकती है । जैसे:-
व्यायाम:- व्यायाम के अनेकों फायदे हैं, ये हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, माशपेशियों को मजबूत करता है और शरीर में रक्तसंचार को भी बढ़ाता है ।
जहाँ तक कमर को मजबूती देने वालोे व्यायामों की बात है तो तैराकी और हल्की-फुल्की जॉगिन अच्छे माने जाते हैं ।
कमर और मांसपेशियों को मजबूत एंव लचीला बना कर:- कुछ खास प्रकार के योगा व Exercise होते हैं जो कमर की हड्डियों को मजबूत और लचीला बनाते हैं जिससे भविष्य में कमर का दर्द होने का खतरा बहुत कम रहता है ।
अच्छा बॉडी पूजीशन:- आपके लेटने, चलने, खड़े होने और बैठने का तरीका कमर समेत शरीर के पुरे कंकाल पर असर डालता है अगर बॉडी लैंग्वेज और बॉडी पुजीशन गलत या बेतुका हो तो इससे कमर के दर्द और जोड़ो के दर्द जैसी समस्याए होना आम हो जाता है । इसलिए कमर के दर्द के रोकथाम के लिए अच्छी बॉडी लैग्वेज और बॉडी पूजीशन जरूर रखिये
कमर दर्द का इलाज ( Kamar dard ka ilaj )
तो अब हम समाधान की ओर बढ़ते है । यहाँ आपको कमर दर्द दूर करने के उपाय बताए जा रहे हैं जिनको अपने डेली रूटीन में शामिल कर के आप कमर के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं ।
सूजनरोधी खाद पदार्थो का सेवन करिये
सूजनरोधी खाद पदार्थों में कई प्रकार के एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं और यहाँ तक की इनमें कैंसररोधी गुण भी पाए जाते हैं । जिनके प्रतिदिन सेवन करने से कमर के दर्द में भी राहत मिलती है । लेकिन इनका फायदा तभी है जब आप इनका डेली इस्तेमाल करें ।
सूजनरोधी खाद पदार्थों में मुख्य तौर पर अदरक और हल्दी आते हैं । हल्दी में गठियारोधी, सूजनरोधी और कई प्रकार के एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं जो कमर के दर्द में राहत पहुचा सकते हैं । हल्दी का प्रतिदिन सेवन करने के लिए आधा चम्मच हल्दी के पाऊडर को एक गिलास गुनगुने दूध में मिला कर सोने से पहले पियें ।
इसके अलावा अदरक में भी दर्द दूर करने के गुण मौजूद होते हैं अदरक का इस्तेमाल करने के लिए आप इसकी प्राकृतिक चाय बना कर पी सकते हैं ।
आरामदायक नींद लिजिए
अच्छी और आरामदाय नींद हड्डियों एंव मांसपेशियों को आराम पहुचाती हैं और उनकी मरम्मत करती है । जबकि पुरी नींद ना लेने से इसका हड्डियों समेत शरीर के पुरे स्वास्थ पर नकारात्मक असर पडता है । इसलिए अच्छी तथा पुरी नींद लिजिए । इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रहे की आपकी Sleeping position भी सही हो ।
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अपने बॉडी पोस्चर का ध्यान रखिये
कमर के दर्द का इलाज करते समय जरूरी है की आप अपने जोड़ो, रीढ़ की हड्डियों और नितंबो का ध्यान रखें । यदि आपको इन हिस्सो पर भी दर्द हो रहा है तो इसका मतलब है की आपकी उठने-बैठने की आदतें ढ़ीक नही है । यहाँ हम आपको कुछ Tips दे रहे हैं जिन्हे अपना कर आप अपने जोड़ो और हड्डियों पर पडने वाले तनाव को कम कर सकते हैं:-
•लम्बे समय तक बैठे रहने से बचें:- काम करने के दौरान या वैसे भी सामान्य तौर पर घंटो तक एक ही जगह ना बैठे रहें, इससे आपके रीढ़ की डिस्को एंव हड्डियों पर तनाव बढ़ेगा जिससे वो बाद में दर्द करने लगेगे । अगर आपको ऑफिस में घंटो बैठ कर काम करना पडता है तो इसके लिए एक स्टैडिंग डैस्क खरीद लें ताकि आपको खड़े होकर काम करना पडे । इसके अलावा बीच-बीच में काम के दौरान थोडा टहलने की भी आदत बनाए
•पोस्चर का ध्यान रखें:- काम के दौरान बीच-बीच में अपने बॉडी पोस्चर का ध्यान रखें, कही ऐसा तो नही की आप काम के दौरान ज्यादा कमर, गंधे या गर्दन झुकाते हैं या फिर थोड़ा टेडा होकर काम करते हैं । जब भी आपको लगे की आपका बॉ़डी पोस्चर गलत है तो उसे ढ़ीक कर लें ।
बीच-बीच में कुछ एक्टिविटीयों को करतें रहें:- जोड़ो और हड्डियों के तनाव को कम करने के लिए बीच-बीच में कुछ Activities को करते रहिये जैसे:- अगर आप लम्बे समय से खड़े होकर काम कर रहे हैं तो किसी ऐसी Activity को करिये जिसमें आप थोड़ी देर बैठ कर काम कर सकें, इससे आपकी हड्डियों एंव जोड़ो को आराम मिलेगा ।
योग करिये
योग हड्डियों को मजबूत करने, मांसपेशियों एंव जोड़ो को स्वस्थ रखने और रीढ़ की हड्डियों का लचीलपन बढ़ाने का बहुत ही अच्छा तरीका है । लेकिन ध्यान रहे की आपको योग करने की शुरूआत कर ऐसे योगासनों से करनी है जिनसे आपकी रीढ़ की हड्डी पर ज्यादा तनाव ना पडे और जब आपको आदत होने लगे और आपकी रीढ़ लचीली एंव मजबूत होने लगे तो आप एडवांस कैटेगौरी के योगा कर सकते हैं
कमर के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप कंधरासन, भुजंग आसन, चक्रासन, मकरासन, हलासन और अर्ध-मत्स्येन्द्रासन कर सकते हैं ।
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गर्म पानी में तैराकी करिये
तैराकी रीढ़ को मजबूत और लचीला रखने के लिए सबसे अच्छे व्यायामों में से एक है और अगर उस पर गर्म पानी में तैराकी करी जाए तो फिर कहने ही क्या? गरम पाने में तैराकी करने से हड्डियों और मांसपेशियों का तनाल कम होगा जिससे कमर के दर्द में राहत मिलेगी । लेकिन ध्यान रहे की पानी ज्यादा गर्म ना हो
विटामिन डी 3 ( vitamin D3 ) का सप्लीमेंट लिजिए
अगर आपका डॉक्टर राजी हो तो आपको विटामिन D3 का सप्लीमेंट जरूर लेना चाहिए । विटामिन डी3 हड्डियो, न्यूरोमस्कुलर और इम्यून फंक्शन के लिए बहुत ही जरूरी होता है । यदि आप vitamin D3 का supplement लेगे तो इससे आपको कमर के दर्द में काफी राहत मिलेगी क्योकी इससे शरीर में कैल्शियम का अवशोषण बढ़ जाएगा जिससे हड्डियां मजबूत होगी ।
कमर दर्द की दवा ( Kamar dard ki dawa )
यहां पर हम आपको कुछ आयुर्वेदिक औषधियों या काढों के बारे में बता रहे हैं क्योकि अन्य दवाओ को बिना डॉक्टर की सलाह के इस्तेमाल करना नुकसानदायक हो सकता है ।
1~ एक कप पानी में 8 से 10 तुलसी की पत्तियों को डाल कर तब तक गर्म करिये जब तक की वो जल कर आधा ना रह जाए इसके बाद उसमे एक चुटकी नमक डाल तपिजिए । इस को धोड़े लम्बे समय तक इस्तेमाल करने के बाद आपको आराम मिलना शुरू हो जाएगा ।
2~बादाम या नारियल के तेल से कमर की या पीढ़ की हल्के हाथों से मालिश करिये इससे दर्द में भी राहत मिलेगी और रीढ़ की हड्डियां भी मजबूत होगी
3~ जब आपकी कमर में दर्द हो तो बर्फ की सिकाई करें, क्योकि बर्फ की तासीर डण्डी होती है इसलिए दर्द में काफी आराम पहुचाएगी । आप चहाए तो बर्फ को कूट कर किसी कपड़े में बाँध कर अपनी कमर पर रख सकते हैं ।
4~ सेंधा नामक और पानी को मिलाकर एक गाडा पेस्ट तैयार कर लिजिए । इसके बाद कोई सूती कपडा लेकर पानी को छान लें, यदि सेंधा नामक में थोडा पानी बच भी जाए तो उसे अलग कर दें । इसके बाद बचे हुए पेस्ट को कमर पर उस जगह लगाए जहाँ दर्द हो रहा है । प्रतिदिन इस पेस्ट को लगाने से कमर के दर्द में आराम मिलता है ।
5~ एक कप पानी में एक चम्मच कैमोमाइल डालिये और 10 मिनट तक ऊबालिये इसके बाद उसको छान लें औप पी लें । इस गाढ़े का प्रतिदिन सेवन करने से आपका कमर का दर्द दूर होने लगेगा
6~ शरीर में कैल्शियम, विटामिन डी और अन्य विटामिन्स एंव मिनर्ल्स की कमी के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं जिसकी वजह से जोड़ो एंव रीढ़ की हड्डियों में दर्द होने लगता है । इसलिए अधिक मात्रा में पोषण से भरपूर आहार लिजिए
कमर के दर्द के लिए आयुर्वेदिक तेल ( Ayurvedic oils for back pain in hindi )
यूँ तो बाजार में सौकड़ो तरह की Kamar dard ki dawa है लेकिन यहाँ हम आपको केवल कमर का दर्द दूर करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक तेलों के बारे में ही बता रहे हैं इन तेलों के द्वरा मालिश करने से कुछ ही दिन में कमर का दर्द छू मंतर हो जाएगा
महानारायण तेल:~
महानारायण तेल कमर और जोड़ो का दर्द दूर के सबसे प्रसिध्द तेलों में से एक है । इस तेल में कायाकल्प और पीडाहर गुण मौजूद है । इस तेल से कमर पर मालिश करने से मांसपेशियों और हड्डियों का तनाव दूर होता है । इस तेल की मालिश करने से रक्त संचार भी सही रहता है । यदि आप इस तेल को प्रतिदिन 3 से 6 महीने इस्तेमाल करेगे तो आपको कमर का दर्द दूर हो जाएगा । ये तेल कमर के दर्द का सबसे कारगर पाय है क्योकि ये त्वचा के अंदर तक जाता है ।
अश्वगंधा तेल:~
अश्वगंधा तेल हड्डीयों और मांसपेशियों को पोषित करता है । कमर का दर्द वात दोष से सम्बन्धित है और ये तेल वात दोष को कम कर के कमर के दर्द को दूर करता है । इसमें कई गुण मौजूद होते हैं जो कमर के दर्द को शांत करते हैं ।
वता समना थैलम:~
वता समना थैलम लहसुन, sathapushpa, सीसम और नीम के तेल का मिश्रण हैं । ये तेल कमर दर्द को कम करने में बहुत फायतेमंद है । जब ज्यादा काम किया जाता है तो मांसपेशिया दुखने लगती हैं । लेकिन ये तेल मांसपेशियों के अंदर तक जाकर गर्माहट के द्वारा दर्द को खत्म करता है । इसलिए इसे Kamar dard ki dawa या तेल
कर्पूरादि तेल:~
इस तेल में मुख्य तौर पर कपूर का इस्तेमाल किया गया है जो जादूई रूप से मांसपेशियों का दर्द, कमर का दर्द, और जोड़ो का दर्द दूर करता है । इस तेल को हल्के हाथों से दर्द वाली जगह लगाईये इससे दर्द दूर होने के साथ रक्त संचार भी सुधरेगा ।
मुरीवेन्ना:~
इस तेल में मुख्य तौर पर नारियल के तेल का इस्तेमाल किया गया है इसके साथ ही इसमें सुजनरोधी और पीडाहारी गुण हैं जो कमर के दर्द, अकड़न और सूजन को कम करता है । इस तेल को प्रतिदिन कमर पर लगाने से चयापचय भी सुधरता है ।
धनवंतरम तेल
धनवंतरम तेल:~
धनवंतरम तेल का इस्तेमाल कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं जैसे- गठिया, स्पॉन्डिलाइटिस और तंत्रिका संबंधी विकार में किया जाता है । इस तेल के रेगुलर उपयोग सेे रक्त संचार सुधरता है साथ में दर्द भी दूर होता है ।
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