Mantoux test in hindi मैनटॉक्स टेस्ट क्या है

आपने गौर किया होगा की हम पिछले कुछ समय से इस ब्लॉग पर टेस्टों के बारे में बता रहे हैं ताकि लोगों में अलग-अलग टेस्टो के प्रति जागरूकता और ज्ञान बढ़े, इसी सफर को जारी लखने के लिए आज हम इस आर्टिकल में बताएगे Mantoux test in hindi

मैनटॉक्स टेस्ट क्या है ( Mantoux test in hindi )

Mantoux test in hindi
Mantoux test in hindi

mantoux एक प्रकार का टेस्ट होता है जिसको ट्यूबरकुलोसिस ( Tuberculosis ) का पता लगाने के लिए किया जाता है । ट्यूबरकुलोसिस एक संक्रामक बिमारी है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस ( Mycobacterium tuberculosis ) नाम के संक्रमण से फैलती है ।

इस संक्रमण के सम्पर्क में जो व्यक्ति आता है उसे सक्रिय ट्यूबरक्लोसिस या अप्रत्यक्ष संक्रमित ट्यूबरक्लोसिस होता है अप्रत्यक्ष संक्रमित ट्यूबरक्लोसिस भीआगे चल कर सक्रिय ट्यूबरक्लोसिस में बदल जाता है ।

सक्रिय ट्यूबरक्लोसिस का दवाईयों के साथ इलाज करने पर ये 6-9 महीने में ढ़ीक हो जाती है इसी तरह अप्रत्यक्ष संक्रमित ट्यूबरक्लोसिस को भी बढ़ने से रोका जा सकता है ।

इस रोग का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट या स्किन टेस्ट किया जाता है । लेकिव दोनो टेस्टों में से कोई भी ये नही बता सकता की मरीज सक्रिय ट्यूबरक्लोसिस या अप्रत्यक्ष संक्रमित ट्यूबरक्लोसिस

मैनटॉक्स जिसे मंटौक्स ट्यूबरकुलिन स्किन टेस्ट ( Mantoux tuberculin skin test ) के नाम से जाना जाता है अक्सर दो चरणों में किया जाता है चलिए इनके बारे में थोडा विस्तार से जानते हैं ।

मैनटॉक्स ट्यूबरकुलिन स्किन टेस्ट का पहला चरण ( Mantoux tuberculin skin test in hindi )

सबसे पहले आपको डॉक्टर के ऑफिस या क्लिनिक में जाना होता है जहाँ वो बाजू में ट्यूबरकुलिन की एक छोटी मात्रा को इंजेक्ट करता है । ट्यूबरकुलिन एक प्रकार का शुद्ध प्रोटीन व्युत्पन्न (पीपीडी) ( purified protein derivative (PPD) ) होता है जोकि उस बैक्टेरिया से बनता है जो ट्यूबरक्लोसिस कारण बनता है ।

इंजेक्शन लगने के बाद आपकी बाजू पर छोटा सा छाला ऊभर आएगा ।

मैनटॉक्स ट्यूबरकुलिन स्किन टेस्ट का दूसरा चरण

मैनटॉक्स ट्यूबरकुलिन स्किन टेस्ट के दूसरे टेस्ट के लिए आपको 48 से 72 घंटे इंतेजार करना होगा । इसके बाद डॉक्टर आपकी त्वचा की उस जगह को देखेगा जहाँ उसने इंजेक्शन लगाया है ताकि वो पता कर सके की आपकी त्वचा ने इंजेक्शन लगाने पर क्या प्रतिक्रिया दी है । इसके बाद ही आपका डॉक्टर बता सकता है की आपको ट्यूबरकुलोसिस ( Tuberculosis ) है या नही ।

अगर आप के टेस्ट का नतीजा नकारात्मक ( negative ) आता है तो आपका डॉक्टर एक या दो हफ्तों के बाद दोबारा टेस्ट करवाने के लिए बुला सकता है ताकि उसे पक्का हो जाए की आप संक्रमित हैं या नही ।

यदि आपने डॉक्टर के पास जाने में 72 घंटो से ज्यादे का समय लगा लिया तो आपको दोबारा इंजेक्शन लगवाकर कर टेस्ट करवनाना होगा

टेस्ट के नतीजे कैसे समझे

यदि आपका रिजाल्ट पॉजिटिव आता है या आपमें ट्यूबरकुलोसिस के तीव्र लक्षण हैं तो आपका डॉक्टर आपके लिए सही ईलाज का चुनाव करेगा ताकि आपको संक्रमण और लक्षणों से छुटकारा मिल जाए

यदि आपको ट्यूबरकुलोसिस का कम रिस्क है और टेस्ट रिजाल्ट सकारात्मक आया है तो आपका डॉक्टर निदान के लिए ट्यूबरकुलिन ब्लड टेस्ट के लिए कह सकता है क्योकि ट्यूबरकुलिन ब्लड टेस्ट ट्यूबरकुलिन स्किन टेस्ट से ज्यादा सटीक होता है ।

मगर इस बात का भी खास ध्यान रखिये की ट्यूबरकुलोसिस के पॉजीटिव और नेगीटिव दोनो टेस्ट ही गलत हो सकते हैं आइये इनके बारे में भी थोडा जानते हैं ।

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गलत पॉजिटिव रिजाल्ट

यदि आपको बैसिलस कैलमेट-ग्यूरिन (बीसीजी) टीका लगाया गया है तो इसका मतलब है की आपका गलत पॉजिटीव स्किन टेस्ट आया है । इस टीके को इस लिए दिया जाता है ताकि आपको ट्यूबरकुलोसिस का खतरा कम हो जाए ।

इसके अलावा गलत पॉजीटिव रिजाल्ट आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे-

* टेस्ट करवाने वाले की व्यवस्था ढ़ीक ना होना

* टेस्ट के रिजाल्टो की गलत व्याख्या होना

* nontuberculous माइकोबैक्टीरिया में संक्रमण का होना

गलत नेगेटिव रिजाल्ट

गलत पॉजिटिव रिजाल्ट की तरह कुछ लोगो का गलत नेगिटीव रीपोर्ट भी आ सकती है जिसका मतलब है की टेस्ट के अनुसार आप

ट्यूबरकुलोसिस से संक्रमित नही है मगर असल में आप इससे संक्रमित होते हैं ।

ऐसा अक्सर गलत व्यवस्था या प्रबंधन के करण होता है । इसके अलावा कुछ इम्यून सिस्टम के हालात जैसे ऑर्गन ट्रांसप्लांट भी गलत नेगेटिव रिपोर्ट का कारण बन सकते हैं ।

ट्यूबरकुलोसिस के लक्षण

ट्यूबरकुलोसिस के लक्षण यानी symptoms तभी दिखते हैं जब किसी व्यक्ति को सक्रिय ट्यूबरकुलोसिस होता है केवल ट्यूबरकुलोसिस से संक्रमित होने पर लक्षण नही दिखते ।

ट्यूबरकुलोसिस ( TB ) का सबसे बडा लक्षण खांसी के साथ खून की उल्टी आना होता है लेकिन इसके अलावा भी ट्यूबरकुलोसिस के कई लक्षण होते हैं जैसे:-

* ज्यादा थकान का होना

* बूखार का आना

* सोते समय अधिक पसीना आना

* अचानक वजन का कम हो जाना

* भूख कम लगना

जरूरी नही है की यह लक्षण ट्यूबरकुलोसिस होने पर ही दिखें कई दूसरे रोग और बिमारीयां भी होती हैं जिनमें ये लक्षण देखने को मिल सकते हैं ।

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पॉजिटिव रिजाल्ट आने पर क्या होगा

ट्यूबरकुलोसिस के पॉजिटिव स्किन टेस्ट आने पर छाती का एक्स-रे करवाया जाता है ताकि डॉक्टर सफेद धब्बों को देख सकें, सफेद धब्बे ट्यूबरकुलोसिस के बैक्टरिया पर रोग प्रति-रोधक क्षमता की प्रतिक्रिया के कारण बनते है । इससे डॉक्टर को समझने में मदद मिलती है की मरीज को सक्रिय ट्यूबरकुलोसिस है या नही ।

टीबी के कारण फेफड़ो में कई बदलाव आ सकते हैं जिनके बारे में जानने के लिए डॉक्टर सीटी-स्कैन करवा सकता है क्योकि सीटी-स्कैन से डॉक्टर ज्यादा सटीक तरीके से समस्या को अच्छी तरह समझ पाएगा

अगर सीटी-स्कैन में टीबी पाई जाती है तो फिर मरीज के बलगम की जाँच लैब में कराई जाता है ताकि पता चल सके की किस प्रकार के बैक्टेरिया के कारण ट्यूबरकुलोसिस हुआ जिसके आधार पर डॉक्टर मरीज का सही और सटीक ईलाज कर पाता है ।

निष्कर्ष

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