मुलेठी के इस्तेमाल के तरीके और मुलेठी के फायदे ( Mulethi ke fayde ) के बारे में जानने से पहले सबसे जरूरी है की आप इसके बारे में पहले बैसिक और आधारभूत जानकारी इकठ्ठा कर लें, ताकि आप इस आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग कर के अपने स्वास्थ्य में एक नई जान डाल सकें इसलिए इस आर्टिकल हम मुलेठी से जुड़ी सभी सभी जरूरी जानकारी दे रहे है ।
इस लेख में आपको मुलेठी के लाभ ( Mulethi benefits in hindi ) और मुलेठी के नुकसान के साथ इससे जुडी सभी जरूरी जानकारी भी दी जा रही है । तो आइये मुलेठी खाने के फायदे के बारे में जानते हैं ।
मेडिकल साइंस के बढ़ते कदमों के कारण कुछ समय पहले लोगो का आयुर्वेदिक के ज्ञान से भरोसा उठ गया था क्योकि उन्हे लगता था की आयुर्वेदिक ईलाज केवल अंदाजे पर किया जाता है और अधिकतर समय असरदार नही रहता या बहुत देर में काम करता है ।
मगर आयुर्वेद केवल बहारी तौर पर लक्षणों को शांत नही करता बल्कि बिमारीयों को जड़ से खत्म करता है । और ये हम सभी जानते हैं की किसी भी चीज की जड़ काटने में समय तो लगता ही है इसलिए आयुर्वेदिक इलाज में समय लगता है लेकिन ये 100% प्रतिशत असरदार होता है ।
आयुर्वेद में एक ऐसी ही जड़ी-बुटी या औषधि है जो कई घतरनाक रोगों को जड़ से खत्म कर के कई समस्यओं में राहत देती है और अनेकों स्वास्थ्य फायदे भी देती है जिसका नाम मुलेठी ( Mulethi or yashtimadhu ) है इस आर्टिकल में हम इसी औषधि के बारे में चर्चा कर रहे हैं ।
मुलेठी को आयुर्वेद में बहुत ही गुणकारी औषधि माना जाता है जिसका इस्तेमाल खांसी, आंखों के रोग, कान और नाक के रोगों एंव बिमारीयों , मुंह के रोगों, दिल के रोगों और त्वचा के रोगों से जुड़ी दिक्कतों में किया जाता है ।
अब तो मॉडर्न मेडिकल साइंस भी मुलेठी के फायदेमंद होने की पुष्टी करता है तथा इसे एक असरदार औषधि मानता है क्योकि इसमें ग्लिसराइजिक एसिड, कैल्शियम, प्रोटीन, एंटी-ऑक्सीडेंट, वसा और एंटीबायोटिक, गुणों पाये जाते हैं जिसका सेवन करने से कई समस्याओं में राहत मिलती है ।
तो इससे पहले हम इस औषदि के फायदों के बारे में बताए चलिए जानते हैं की असल में मुलेठी क्या है ? ( What is mulethi in hindi )
मुलेठी क्या है ? ( What is mulethi or liquorice in hindi )

मुलेठी एक प्रकार की औषधि होती है जो स्वाद में मीठी होती है । इसका पौधा झाड़ीनुमा होता है जिसके तने में कई औषधिय लाभ होते हैं इसलिए मुलेठी को अक्सर तने समेत ही उपयोग में लाया जाता है । मुलेठी का इस्तेमाल गले, दांतों एंव मसूडों के लिए काफी फायदेमंद होता है इसलिए हाल ही में कई बड़ी कम्पनियों नें अपने टूथपेस्ट में मुलेठी को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है ।
मुलेठी का कई देशों में इस्तेमाल होने के कारण हमें इसके कई नाम सुनने को मिलते हैं जैसे- ग्लाइसीर्रिजा ग्लबरा लिनन, यष्टीमधु, Jeshthamadh, Liquorice, फेबासी और ग्लिह्राइझा ग्लॅब्रासके ।
मुलेठी को क्यो इस्तेमाल किया जाता है ( Why we use mulethi in hindi )
मुलेठी तीनो दोषों को शांत करने वाली बहुत ही कारगर और जादुई औषधि है जिसमें कई प्रकार के औषधिय गुण पाये जाते हैं । यह खून को साफ करती है जिसके कारण त्वचा से जुड़ी समस्याओं जैसै- पिम्पल, फुसीं और मुहासों मे राहत मिलती है,
मुलेठी बालों की ग्रोथ ( Hair growth ) बढ़ाती है तथा बुध्दि तेज करती है ।
यष्टिमधु के फायदे ( Mulethi ke fayde )
इसके आलाव भी मुलेठी यानी यष्टीमधु के फायदे ( Yashtimadhu ke fayde ) अनेक है जिनके बारे में हम यहाँ बता रहे हैं:-
मुलेठी है पेट के लिए फायदेमंद
यष्टीमधु को जठरांत्र संबंधी समस्यायों मे बहुत फायदेमंद माना जाता है क्योकि इसमें ग्लाइसीर्रिज़िक एसिड होता है जिसमें सूजनरोधी और इम्यून बूस्टिंग गुण मौजूद होते हैं । इन्ही गुणों के कारण यष्टीमधु भोजन की विषाक्तता, पेट के अल्सर और सीने में जलन जैसी समस्याओं में काफी राहत देती है ।
मुलेठी से पेट की परत की मरम्मत की रफ्तार तेज होती है और उसमें संतुलन आता है इसके अलावा एक अध्ययम के मुताबिक ग्लाइसीर्रिज़िक एसिड ( glycyrrhizic acid ) यष्टीमधु आंतों से टॉक्सिक बैक्टेरिया को बहार करता है और उन्हे आंतो में बढ़ने से भी रोकता है ।
मुलेठी डीजीएल ( DGL ) के रूप में भी उप्लब्ध है जिसके इस्तेमाल से पेप्टिक अल्सर की बीमारी, हार्टबर्न, या गैस्ट्रिटिस जैसी हालतों में सुधार होता है ।
मुलेठी श्वसन तंत्र को साफ करती है
यष्टीमधु श्वसन तंत्र से जुडे कई रोगो के इलाज में भी उपयोग की जाती है क्योकि इसको एक सप्लीमेंट ( Supplement ) के रूप में लेने से शरीर में हैल्दी बलगम ( healthy mucus ) बढ़ता है ।
आप सोच रहे होगे की एक स्वस्थ ब्रोन्कियल प्रणाली के लिए बलगम होना तो कोई अच्छी बात नही है? हाँ यह बात सच है लेकिन हैल्थी कफ आपके श्वसन तंत्र को फायदा पहुचा सकता है । मगर इस बात का भी ध्यान रहे की आपके श्वसन तंत्र में पुराने नुकसानदायक और चिपकने वाले बलगम की मात्रा अधिक ना हो जाए ।
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मुलेठी हा तनाव में कारगर
ज्यादा तनाव लेने से अधिवृक्क ग्रंथि से अधिक मात्रा में adrenaline और कोर्टिसोल निकलने लगते हैं जिसके कारण समय के साथ धीरे-धीरे अधिवृक्क ग्रंथि कमजोर पडने लगती है । इस हालत में यदि मलेठी का सप्लीमेंट ( Licorice supplement ) लिया जाए तो इससे काफी फायदा मिल सकता है क्योकि यष्टीमधु अधिवृक्क ग्रंथि को उत्तेजित कर के कार्टिसोल के स्तर को कम करती है जिससे तनाव में भी आराम मिलता है
यानी मुलेठी का सप्लीमेंट उन लोगो के लिए बहुत लाभकारी हो सकता है जो मानसिक तनाव या स्ट्रेस में फँसे हुए है ।
मुलेठी है कैंसर के इलाज में मददगार
अब ये सुनने में आपको थोडी हैरानी हो रही होगी की क्या सच में मुलेठी के उपयोग से कैंसर जैसी घतरनाक बिमारी के इलाज में मदद मिल सकती है? खैर इस विषय पर पुरी तरह और ठोस जानकारी अभी तक उपलब्ध नही हैं मगर कुछ अध्ययन इस ओर इशारा जरूर करते हैं की मुलेठी की जड से स्तन कैंसर ( breast cancer ) और पौरुष ग्रंथि कैंसर ( prostate cancer ) में मददगार हो सकते हैं ।
आप इनसे जुडे अध्ययनों को हैल्थलाइन डॉट कॉम जैसी बड़ी स्वस्थ्य ब्लॉग पर पड सकते हैं ।
अमेरिका में एफडीए ( FDA ) ने मुलेठी की जड़ से कैंसर के इलाज को माना है मगर अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार इस विषय पर अभी भी खोज-बीन चल रही है । इसलिए हम आपसे यही कहना चहाएगे की बिना डॉक्टर की सलाह के कैंसर में मुलेठी का उपयोग ना करें
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मुलेठी का उपयोग है त्वचा के लिए फायदेमंद
मुलेठी में 300 तरह के तत्व होते हैं उनमें से कुछ में
जीवाणुरोधी, एंटी-बैक्टेरियल और एंटी-वायरल गुेण होते हैं तथा इसके अलावा भी मुलेठी में कई ऐसे तत्व होते हैं जो त्वचा को कई प्रकार की समस्याओं से बचाते हैं । वैसे तो मुलेठी त्वचा से जुडी कई प्रकार की परेशानियों में काम आती है मगर मुख्य तौर पर यह मुंहासों और खुजली में काम आती है ।
60 लोगों पर एक स्टाडी की गई थी जिनको त्वचा पर खुजली की समस्या थी । उन लोगो को 2 हफ्तो तक एक जैल लगाने को दिया गया जिसमें मुलेठी की जड़ थी । 2 हफ्तो बाद जब उस स्टाडी का नतीजा आया तो सभी लोगो की खुजली खत्म हो गई थी या बहुत कम हो गई थी ।
क्योकि मुलेठी त्वचा से जुड़ी समस्याओं मे राहत दिलाता है इसलिए आपको कई ऐसी आयुर्वेदिक क्रीमें देखने को मिल जाएगी जिसमें मुलेठी का इस्तेमाल किया जाता है ।
अपचन और पाचन तंत्र से जुडी समस्याओं मे फायदेमंद मुलेठी
हाल-फिलहाल की कई खोजो में इस बारे में पता चला है की मुलेठी अपच, एसिड रेफलक्स, पेट खराब, और हार्टबर्न ( heartburn ) जैसी हालतों में राहत देती है
Healthline.com के अनुसार एक स्टाडी में 50 लोगो को 30 दिनो तक 75 mg मुलेठी के कैप्सूल दिये गए जिसके बाद उनके पाचन तंत्र से जुडी कई समस्याओं में बहुत राहत मिली ।
इसके अलावा मुलेठी गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) में भी सुधार करती है ।
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पेप्टिक अल्सर में असरदार मुलेठी
पेप्टिक अल्सर आमतौर पर दर्दनाक घाव की तरह होते हैं जो पेट, निचले घुटकी, या छोटी आंत में विकसित होते हैं। यह मुख्यतौर पर एच पाइलोरी बैक्टीरिया से उत्पन्न सूजन के कारण होते हैं ।
मुलेठी की जड़ में ग्लाइसीर्रिज़िन पाया जाता है जो पेप्टिक अल्सर के इलाज में मदद करता है इसके आधार पर कहा जा सकता है की मुलेठी पेप्टिक अल्सर के इलाज में लाभकारी है ।
इसके साथ ही पेप्टिक अल्सर और मुलेठी के सम्बन्ध में कई रीसर्चे हुई हैं जिनमें से ज्यादातर मुलेठी के सकारात्म असर दिखाती है ।
दाँतो से जुडी समस्याओं में है मुलेठी रामबाण
मुलेठी की जड़ कई ऐसे बैक्टेरिया को खत्म करती है जोकि अागे चल कर दांत के गुहाओं ( cavities ) का कारण बन जाते हैं ।
देखिये अब इस विषय पर सौकड़ो रीसर्चे हो चुकी है जिनके बारे में आप इन्टरनेट पर पता कर सकते हैं । छोटे बच्चों से लेकर नौजवनो तक पर हुए कई अध्ययन बताते है की दाँत और मुँह के स्वास्थ्य के लिए मुलेठी काफी अच्छा है ।
पर अभी इस विषय पर और कई खोज-बीन चल रही हैं जिनके बाद ही पता चलेगा की दातों की समस्याओं में मुलेठी कितना अधिक प्रभावकारी है ।
यष्टिमधु के अन्य फायदे ( Yashtimadhu ke fayde )
अभी हमने ऊपर आपको मुलेठी यानी यष्टिमधु के फायदे ( Yashtimadhu ke fayde ) के बारे में बताया मगर इसके अलावा भी मुलेठी के कई दूसरे बेनेफिट है जैसे:-
मधुमेह:~
शायद आप ना जानते हैं मगर मुलेठी का नियमित सेवन मधुमेह ( diabetes ) में भी फायदा पहुचा सकता है । मगर इंसानों पर इस विषय में अधिक जानकारी नही है लेकिन एक 60 दिनो की स्टाडी में मधुमेह से पीडित चुहों को मुलेठी का अर्क दिया जिसके बाद उनका ब्लड शुगर काफी हद तक कम हो गया था ।
रजोनिवृत्ति के लक्षणों में कमी:~
मुलेठी की जड़ यानी लीकोरिस रूट एक्सट्रेक्ट रजोनिवृत्ति के दौरान गर्म चमक के इलाज के लिए बहुत अच्छी माना जाता है कुछ शोधों में इसके साबूत भी मिलते हैं मगर इस पर भी कुछ खोज-बीन बाकी है ।
वजन घटाने में:~
वजन घटाने में यष्टीमधु का कोई जबाव नही क्योकि ये शरीर के (BMI) को कम करती है ।
हेपेटाइटिस सी के इलाज में मददगार:~
एक टेस्ट-ट्यूब स्टाडी के अनुसार मुलेठी के अन्दर पाए जाने वाले ग्लाइसीर्रिज़िन की मदद से हेपेटाइटिस सी के इलाज में आसानी होती है ।
मुलेठी के नुकसान और कुछ जरूरी सावधानियां
अब आप सोच रहे होगे की यष्टीमधु के तो इतने फायदे हैं तो मुलेठी के नुकसान ( Mulethi ke nuksan ) कैसे हो सकते हैं? खैर आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नही है क्योकि इससे आपको गंभीर स्वास्थ्य नुकसान नही होने वाला ।
यष्टीमधु को फूड एण्ड ड्रग एडमिंस्ट्रेशन ( Food and Drug Administration ) ने भी बिल्कुल सुराक्षित माना है जिसको खाने के रूप में भी लिया जा सकता है मगर आपको फिर भी सावधानी बरतनी चाहिए क्योकि मुलेठी के कई सप्लीमेंट बेकार क्वालिटी के आते हैं जिसके इस्तेमाल से नुकसान हो सकता है ।
इसके अलावा हद से ज्यादा या गलत तरीके से सेवन करने पर भी मुलेठी के कई दुष्प्रभाव ( Side effects of licorice ) हो जाते हैं ।
मुलेठी के नुकसान होगे या नही ये व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति पर भी निर्भर करता है इसलिए यहाँ हम उन स्थितियों के बारे में लिख रहे हैं जिनमें मुलेठी के सेवन से नुकसान हो सकता है ।
अधिक मात्रा लेने पर:~
मुलेठी का अत्याधिक और गलत तरीके से इस्तेमाल शरीर में ग्लाइसीरिज़िन के संचय का कारण बन सकता है । जिसकी वजह से शरीर में कार्टिसोल नाम के हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है जोकि फिर इलेक्ट्रोलाइट के स्तर को बढ़ा देगा जिसके नतीजेतन कई समस्याएं हो सकती हैं जैसे:-
* पौटेशियम के लेवल का कम हो जाना
* ब्लड प्रेशर का हाई होना
* मांसपेशियों में कमजोरी लगना
* दिल की धडकन का असामान्य होना
कई बार मुलेठी विषाक्तता भी देखने को मिलती है खैर ऐसा बहुत ही कम मामलो में होता है मगर हो जाए तो इससे किडनी फेलियर, हार्ट फेलियर, और फेफड़ो से जुडी कई दूसरी समस्याएं हो सकती है ।
इसलिए हम उन लोगो को ग्लाइसीर्रिज़िन युक्त यष्टीमधु उत्पाद लेने से मना करेगे जिन्हे हाई ब्लड प्रेशर, कोंजेस्टिव हार्ट फेलियर, किडनी की बिमारी और कैल्शियम की कमी है ।
गर्भवास्था और स्तनपान की हालत में:~
गर्भवास्था ( pregnancy ) की हालत में अधिक मात्रा में मुलेठी खास कर के इसमें पाया जाने वाला ग्लाइसीरिज़िन लेने से बच्चे के दिमाग को बहुत नुकसान पहुचता है और इस बात की भी बहुत संभावना होती है की बच्चे को भविष्य में मस्तिष्क की दुर्बलता हो सकती है । हाल ही कई स्टाडी भी इस ओर इशारा करती है की प्रेग्नेंट महिलाओं को यष्टिमधु के इस्तेमाल से बचना चाहिए ।
इसलिए हम गर्भवती महिलाओं को सलाह देना चाहेगे की उन्हे इस हालत में मुलेठी से जुडे उत्पादों का सेवन नही करना चाहिए ।
बच्चे को स्तनपान कराने वाली महिला पर मलेठी का क्या असर होता है? इस बारे में अभी ज्यादा जानकारी उपलब्ध नही है मगर हम यही कहना चहाएगे की आपको सुराक्षित रहते हुए इसका सेवन नही करना चाहिए ।
दूसरी दवाईयों के साथ मुलेठी को लेने से नुकसान:~
यदि आप पहले से किसी समस्या के लिए किसी दवा को ले रहे हैं तो आपको मुलेठी के उपयोग से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लेनी चाहिए क्योकि मुलेठी कई दवाईयों के प्रभाव पर असर डाल सकती है जैसे:-
* ब्लड प्रैशर की दवा
* रक्त को पतला करने वाली दवाईयां ( blood thinners )
* कोलेस्ट्रोल कम करने वाली दवाईयां
* एस्ट्रोजन आधारित गर्भ निरोधक
अगर आप ऊपर दी गई किसी भी प्रकार की दवा का सेवन कर रहे हैं तो आपको मुलेठी का सेवन नही करना चाहिए जब तक की डॉक्टर ने आपको ऐसा करने के लिए ना कहा हो
मुलेठी को लेने की खुराक और उपलब्ध रूप
अगर आप मुलेठी को एक सप्लीमेंट के रूप में लेना चहाते है तो ये आपको कई फॉर्म में मिल जाएगा जैसे:- कैप्सूल, पाउडर, टिंचर, सामयिक जैल और चाय
यदि आप सिर्फ मुलेठी की जड़ को ही खरीदना चहाते हैं तब भी ये दो रूपों ताजा एंव सूखे में मिलेगा ।
मुलेठी चूर्ण के रूप में भी उपलब्ध होता है और मुलेठी की तरह मुलेठी चूर्ण के फायदे ( mulethi churna ke fayde ) भी बहुत सारे होते हैं ।
आपको प्रतिदिन मुलेठी की कितनी मात्रा लेनी चाहिए इस पर अभी तक कोई मानक तय नही है मगर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूरोपीय वैज्ञानिक खाद्य समिति (SCF) दोनों ही प्रतिदिन 100 mg से अधिक ग्लाइसीराइज़िन लेने को मना करते हैं ।
यष्टिमधु का कोई उत्पाद लेते समय इसमें पाई जाने वाली ग्लाइसीर्रिज़िन मात्रा पर ही ध्यान ना दें, क्योकि उस प्रोडक्ट के हिसाब से सुराक्षित मात्रा तय करना मुश्किल हो सकता है इसलिए इस विषय पर आप अपने डॉक्टर से बात कर लें तो ज्यादा बेहतर रहेगा ।
आप डिग्लिसराइज्ड लीकोरिस (डीजीएल) पाउडर या कैप्सूल भी ले सकते हैं क्योकि ये पुरी तरह से ग्लाइसीर्रिज़िन से मुक्त होते हैं आपकी जानकारी के लिए बता दें की मुलेठी के नुकसान ( Mulethi ke nuksan ) ग्लाइसीर्रिज़िन के कारण ही होते हैं ।
पर इन सप्लीमेंट को शक की नजरों से भी देखा जाता है क्योकि कुछ विशेषज्ञों को लगता है ये मुलेठी जितने फायदेमंद नही होते ।
इस लेख में हमने मुलेठी के फायदे ( Mulethi ke fayde ) और नुकसान के बारे में पुरी जानकारी दी I hope की आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा । कृपया इसको शेयर कर के हमारा हौसला बढ़ाने में मदद करें ।