Sgpt test in hindi एसजीपीटी टेस्ट क्या है

आज कल डॉक्टर हर बिमारी या छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं पर भी टेस्ट लिखने लगे हैं जोकि एक अच्छी बात भी है क्योकि टेस्ट से हमें उस समस्या के कारण के बारे में पता चल पाता जिसकी मदद से डॉक्टर कारगर इलाज कर पाते हैं ।

sgpt test भी एक ऐसा ही टेस्ट है डो आजकल बहुत अधिक किया जाता है लेकिन अधिकतर लोगों को इस टैस्ट से जु़डी पुरी और सही जानकारी नही होती, उनका अक्सर सवाल रहता है की sgpt test क्या है और Sgpt test क्यो करवाना चाहिए ।

इसी टेस्ट के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए आज हमने ये आर्टिकल को तैयार किया है जिसमे हम आपको बताएगे Sgpt test in hindi

एसजीपीटी टेस्ट क्या है ( Sgpt test in hindi )

sgpt test in hindi
sgpt test in hindi

एसजीपीटी टेस्ट एक प्रकार की खून की जाँच होती है जो खून में अलैनिन एमिनोट्रांस्फरेज़ (ALT) के लेवल के स्तर को मापता है । अलैनिन एमिनोट्रांस्फरेज़ को जीपीटी ( Glutamate Pyruvate Transaminase ) के नाम से भी जाना जाता है ।

अलैनिन एमिनोट्रांस्फरेज़ एक प्रकार का एंजाइम होता है जोकि प्रोटीन के ब्रीकडाउन में लिवर की मदद करता है ताकि प्रोटीन का चयापचय आसानी से हो सके, जिसके बाद भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम शुरू होता है ।

अलैनिन एमिनोट्रांस्फरेज़ मुख्य रूप से लिवर की कोशिकाओं में पाया जाता है मगर जब लिवर सूज जाता है या उसे किसी प्रकार की क्षति होती है तो अलैनिन एमिनोट्रांस्फरेज़ खून में मिल जाता है जिसके कारण खून में अलैनिन एमिनोट्रांस्फरेज़ का स्तर बढ़ जाता है ।

sgpt test में या जिसे ग्लूटामिक-पाइरुविक ट्रांसमीनेज़ टेस्ट ( glutamic-pyruvic transaminase test ) कहते इसी बढ़े हुए स्तर को पता कर के लिवर के क्षतिग्रस्त होने का पता लगाता है

देखिये लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग होता है जोकि शरीक में कई जरूरी कामों को अंजाम देता है जैसे-

* प्रोटीन और एंजाइमों को बनाना

* पोषक तत्वों जैसे विटामिन और आइरन का भंडारण करना

* खून से विषैले और बेकार पदार्थों को हटाना

* पित्तरस को बनाना जोकि पाचन में अहम भूमिका निभाता है ।

यदि इस पर किसी प्रकार की क्षति पहुचती है तो ये स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है इसलिए डॉक्टर इसकी जाँच के लिए कई प्रकार के टेस्ट लिखते हैं ताकि मर्ज को पकडने और उसका ईलाज करने में आसानी हो ।

एसजीपीटी टेस्ट क्यो करवाना चाहिए

एसजीपीटी टेस्ट अक्सर ये पता करने के लिए किया जाता है की कही मरीज को लिवर डेमेज, लिवर फेलियर या लिवर की बिमारी तो नही है । इनमें से किसी भी बिमारी के लक्षण या नीचे लिखे लक्षण होने पर डॉक्टर एसजीपीटी टेस्ट करवाने को कहेगा:-

* किसी व्यक्ति की आँखों या स्किन का रंग पीला पडने पर डॉक्टर एसजीपीटी टेस्ट करवाएगा

* पेशाव का ज्यादा डार्क आने पर

* जी मिचलाने पर

* लगातार उल्टिया होने पर

एसजीपीटी टेस्ट को इन कारणों के लिए भी करवाया जा सकता है:-

* लिवर से जुडी बिमारीयों जैसे- हेपेटाइटिस या लिवर विफलता को मॉनीटर करने के लिए

* लिवर से जुडी समस्याओं के इलाज को मॉनीटर करने के लिए

* इसके अलावा एसजीपीटी टेस्ट ये जानने के लिए भी किया जाता है की क्या लिवर की बिमारी का इलाज शुरू करना चाहिए या नही

ज्यादातर मामलों में एसजीपीटी टेस्ट के साथ दूसरे लिवर एंजाइमों के टेस्ट भी करवाये जाते है इससे डॉक्टर को लिवर की समस्या को अच्छी तरह समझने में मदद मिलती है ।

जैसा की हमने आपको ऊपर बताया लिवर के क्षतिग्रस्त होने पर खून में अलैनिन एमिनोट्रांस्फरेज़ का स्तर बढ़ जाता है जिसके कारण एसजीपीटी टेस्ट के द्वारा लिवर डेमेज का पता लगाया जाता है लेकिन एसजीपीटी टेस्ट ये नही बता सकता की लिवर डेमेज कितना हुआ है और ये भविष्य में कितना गंभीर हो सकता है ।

इसे भी पढ़े>> Lft test in hindi लिवर फंक्शन टेस्ट क्या है

Sgpt test से पहले की तैयारी

इस टेस्ट को करवाने के लिए आपको ज्यादा तैयारी की जरूरत नही है लेकिन अगर आप लम्बे समय से दवाईयां ले रहे हैं तो टेस्ट करवाने से पहले उन दवाईयों के बारे में अपने डॉक्टर को जरूर बता दें क्योकि हो सकता है की आपका डॉक्टर कुछ समय के लिए उन दवाओं को लेने के लिए मना करे ।

एसजीपीटी टेस्ट किस तरह किया जाता है

टेस्ट करवाने के लिए आपके शरीर से खून का थोडा सैम्पल लिया जाएगा जो कुछ इस तरह लिया जाएगा:-

* सबसे पहले खून का सैम्पल लेने वाला व्यक्ति आपकी उस त्वचा को एंटी-सैप्टिक से साफ करेगा जहाँ से इंजैक्शन से खून लेना है

* इसके बाद वो व्यक्ति आपकी ऊपरी बहाँ पर एक रबर बैंड को बाँधेगा ताकि आपकी नसें अच्छी तरह दिखें

* जब नस अच्छी तरह दिखने लगे तो वो व्यक्ति इंजैक्शन से खून का सैम्पल निकाल लेगा

* खून का सैम्पल लेने के बाद व्यक्ति आपके बहाँ से रबर बैंड हटा देगा फिर इसके बाद उस जगह पर कॉटन लगा दी जाएगी जहाँ से खून का सैम्पल लिया गया है

*. डॉक्टर खून लेने के बाद उसको लैबोरीटी में जाँच के लिए भेज देता है

* इसके बाद जब टेस्ट का रिजाल्ट आएगा तो लैब वाले उसका रिजाल्ट आपके डॉक्टर को भेज देगे

Sgpt test करवाने के क्या जोखिम हो सकते हैं

जब आपकी त्वचा से खून का सैम्पल लिया जाएगा तो आपको थोडा दर्द या जलन सी हो सकती है लेकिन ये दर्द थोडी देर बाद चले जाएगा

लेकिन कुछ मामलों में दूसरी जटिलताएं भी आ सकती हैं जैसे:-

* जहाँ से खून का सैम्पल लिया जाएगा वहा से थोडा ज्यादा खून निकल सकता है

* आपकी स्किन के नीचे खून जमा हो सकता है जिसे हेमेटोमा कहते हैं ।

* खून निकालने के बाद थोडी देर के लिए बेहोशी सी आ सकती है या चक्कर आ सकते हैं

* संक्रमण का खतरा हो सकता है

इसे भी पढ़े:>> Esr test in hindi ईएसआर टेस्ट क्या है

टेस्ट के सामान्य और असामान्य रिजाल्ट के बारे में कैसे पता करें

टेस्ट का नॉर्मल रिजाल्ट:~ आमतौर पर sgpt test की नॉर्मल रेंज पुरूषों में 29 से 33 (IU/L) होती है जबकि महिलों में नॉर्मल रेंज 19 से 25 IU/L तक होती है । लेकिन इस नॉर्मल रेंज में थोडा बदलाब हो सकता है ये इस पर डिपेंड करता है की आप किस हॉस्पिटल से टेस्ट करवा रहे हैं ।

इसके अलावा उम्र और लिंग भी टेस्ट के रिजाल्ट को प्रभावित कर सकते हैं इसलिए बेहतर रहेगा अगर आप इस मशले पर अपने डॉक्टर से बात कर लें

टेस्ट के अवनॉर्मल रिजाल्ट:- यदि किसी व्यक्ति के ALT का स्तर बढ़ा हुआ आता है तो इसका मतलब है की उसका लिवर डेमेज है जिसके कई कारण हो सकते हैं जैसे:-

* हेपटाइटिस का होना, जोकि एक ऐसा रोग है जिसमें लिवर पर सूजन आ जाती है

* ऊतको का असमय मरना

* लिवर में कैंसर का होना

* लिवर में बहुत कम खून का संचार होना

* हेमोक्रोमैटोसिस का होना

* मोनोन्यूक्लिओसिस विकार का होना

* अग्नाशयशोथ ( pancreatitis ) होना

* या फिर मधुमेह का होना

अगर आपका टेस्ट रिजाल्ट अवनॉर्मल आता है तो आपको कई दूसरे टेस्ट भी करवानो पड सकते हैं जिससे समस्या का असली कारण पता चल सके और सही तरीके से इलाज हो सके

तो आज हमने आपको बताया एसजीपीटी टेस्ट क्या है ( Sgpt test in hindi ) और इसे क्यो करवाया जाता है । अगर आपको इस टेस्ट से जुड़ा कोई सवाल पूछना है तो आप हम से कमेंट कर के पूछ सकते हैं ।.