शुगर का इलाज, दवा, लक्षण, करण और उपचार

जानिये Sugar kaise kam kare और Sugar ki dawa — दोस्तों आज हम इस लेख में एक ऐसे रोग के बारे में बात करेगे जो दिनो-दिन बढ़ता ही जा रहा है । इसकी चपेट में छोटे-बड़े और बुढ़े-जवान सभी उम्र के लोग आ रहे हैं । इस रोग का नाम है मधुमेह ( diabetes )

भारत में इस बिमारी से 72.9 मिलियन से भी अधिक लोग पीडित है । ये एक ऐसी बिमारी है जिसे अगर जल्दी ढ़ीक कर दिया जाए तो ये इतनी खतरनाक नही होती वही अगर इसे नजरअंदाज कर दिया जाए तो मधुमेह से दिल से जुड़ी कई भयानक बिमारीयां, स्ट्रोक, किडनी डेमेज और नर्व डेमेज तक होने का खतरा बढ़ जाता है ।

यदि आप भी मधुमेंह से परेशान है तथा अपना शुगर लेवल कम करना चहाते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक पुरे ध्यान के साथ पढ़िये क्योकि आज हम इस आर्टिकल में बताएगे sugar ki dawai, sugar ki ayurvedic dawa और Sugar ko kaise kam kare

साथ में आपको मधुमेह से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारीयां भी दी जाएगी ताकि आप मधुमेह को समझ सकें और सही तरीके से इसका इलाज कर सकें ।

शुगर क्या है ( What is diabetes in hindi )

 

sugar ka dawa
sugar ka dawa

मधुमेह ( Diabetes ) एक प्रकार का रोग है और ये तब होता है जब खून में ग्लूकोज ( glucose ) या शुगर की मात्रा अधिक हो जाती है । खून में पाया जाने वाला ग्लूकोस इंसानी शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत ( main source of energy ) होता है जो हमें भोजन से हासिल होता है ।

मधुमेह क्यो होता है – Diabetes kyo hoti hai

अग्न्याशय से इंसुलिन नाम का हार्मोन निकलता है जो खाने से ग्लूकोस को एबजोर्व  कर के उसे कोशिकाओं तक पहुचाता है ताकि ग्लूकोस को ऊर्जा में बदला जा सके, लेकिन कभी-कभी शरीर बहुत कम या बिल्कुल भी इंसुलिन नही बनाता जिसके कारण ग्लूकोस खून में ही रहता है और कोशिकाओं तक नही पहुच पाता । इसी कारण धीरे-धीरे शरीर में ग्लूकोस एंव शुगर का लेवल बढ़ता रहता है और व्यक्ति मधुमेह का शिकार हो जाता है ।

खून में बढ़ा हुआ ग्लूकोस का लेवल कई भयानक बिमारीयों और जल्दी मौत का कारण बन सकता है वैसे देखा जाए तो मधुमेह को पुरी तरह खत्म नही किया जा सकता आप सिर्फ शुगर लेवल को कम कर के इसे मेनेज कर सकते हैं ।

मधुमेह के प्रकार ( Types of diabetes in hindi )

मुख्य तौर पर मधुमेह दो प्रकार टाइप 1 और टाइप 2 होता है । यहाँ हम आपको इनके बारे में थोडा विस्तार से बता रहे हैं ।

टाइप 1 मधुमेह:- टाइप 1 मधुमेह को जुवेनाइल मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है । इस प्रकार का मधुमेह तब होता है जब शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है । इस प्रकार के मधुमेह से ग्रस्त लोग जीने के लिए इंसुलिन पर निर्भर होते है मतलब की उन्हे जिंदा रहने के लिए प्रतिदिन कृत्रिम ( artificial ) इंसुलिन लेना होता है ।

टाइप 2 मधुमेह:- टाइप 2 मधुमेह शरीर की इंसुलिन इस्तोमाल करने की क्षमता को प्रभावित करता है ।
इस मधुमेह में शरीर इंसुलिन तो बनाता है लेकिन शरीर की कोशिए उन पर उस तरह प्रतिक्रिया नही करती जैसा सामान्य शरीर करता है । ज्यादातर लोगो में इसी प्रकार का मधुमेह पाया जाता है ।

गर्भकालीन मधुमेह:- यह मधुमेह अक्सर माहिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होता है । इस मधुमेह में शरीर इंसुलिन के प्रति कम सवेंदनशील होता है यह मधुमेह सभी महिलाओं को गर्भवास्था के दौरान होता है और बच्चे को जन्म देने के बाद चला जाता है इसमें ज्यादा चिंता नही लेनी चाहिए

इसके अलावा Hypoglycemia और Hyperglycemia प्रकार के मधुमेह भी होते हैं जो बहुत कम लोगो में पाए जाते हैं ।

मधुमेह के लक्षण ( Symptoms of diabetes in hindi )

हमें कैसे पता चलेगा की हमें मधुमेह हैं? इसका सामान्य लक्षण खून में ग्लूकोस और शुगर का बढ़ा हुआ लेवल है । इस बिमारी के शुरूआती लक्षण इतने मंद होते हैं की ज्यादातर लोगों को पता ही नही होता की उन्हे मधुमेह है खासकर की टाइप 2 मधुमेह, ज्यादातर लोगो को मधुमेह का पता तभी चलता है जब इसके कारण उन्हे थोडा शारीरिक नुकसान होता है ।

टाइप 1 मधुमेह के लक्षण थोडे तीव्र हो सकते हैं और जिस व्यक्ति को ये मधुमेह होता है उसे कुछ दिन या हफ्ते में इसका पता चल जाता है ।

खैर दोनो प्रकार के मधुमेह के शुरूआती लक्षण एक जैसे होते है जो चेतावनी का सकेंत होते हैं ।

ज्यादा भूख लगना:- हमारा शरीर हमारे द्वारा खाए गए भोजन को ग्लूकोस में बदल देता है ताकि शरीर की कोशिकाए उनके द्वारा ऊर्जा प्राप्त कर सकें लेकिन कोशिकाओं को ग्लूकोस से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए इंसुलिन की जरूरत होती है तो जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नही बनता या कोशिकाए इंसुलिन का उपयोग नही कर पाती तो ग्लूकोस खून में मिल जाता है जिसके कारण शरीर को ऊर्जा नही मिलती जिसके कारण मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति ज्यादातर समय भूखा और थका हुआ महसूस करता है ।

मुँह का सूखा रहना और त्वचा पर खुजली आना:- क्योकि मधुमेह में शरीर का ज्यादातर पानी मुत्र बनने में लग जाता है इसलिए मुँह सूखा-सूखा लगने लगता और त्वचा पर भी नमी कम हो जाती है । त्वचा पर नमी कम होने की वजह से उस पर खूजली आने लगती है ।

आँखों की रोशनी कम होना:- शरीर में जल का स्तर गडबड़ होने से इसका पुरे शरीर पर नकारात्मक असर पडता है जिसकी वजह आँखो की रोशनी भी कम हो जाती है या नजरें धुधंली हो जाती हैं ।

टाइप 2 मधुमेह के लक्षण~

ये लक्षण तब अनुभव होते हैं जब लम्बे समय से खून में ग्लूकोस की मात्रा अधिक रहती है

यीस्ट संक्रमण:- पुरूष और माहिला दोनो को ये हो सकता है क्योकि यीस्ट ग्लूकोस के द्वारा जिंदा रहता है इसलिए ये शरीर की ऊपरी त्वचा पर कही भी हे सकत है खासकर की ऊगलीयों के बीच, स्तनों के नीचे, या गुप्तांगो के आस-पास

ज़ख्मों का देर में ढ़ीक होना:- अधिक समय तक खून में शुगर का लेवल ज्यादा होने पर इससे रंक्त संचार बुरी तरह प्रभावित होता है जिसकी वजह नर्व डेमेज हो जाता है और परिणाम ये होता है की शरीर पर लगी चोटें एंव जंख्में बहुत देर से सही होते हैं ।

पैरों में दर्द होना या सुन्न हो जाना:- ये लक्षण भी नर्व डेमेज के कारण होता है ।

टाइप 1 मधुमेह के लक्षण~

अचानक वजन घटना:- मधुमेह में व्यक्ति भोजन से ऊर्जा प्राप्त नही कर पाता जिसके कारण शरीर बदन में जमा चर्बी और मसल्स को ऊर्जा के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर देता जिसका नतीजा ये होता है की बिना प्लान करे ही व्यक्ति वजन घटा लेता है ।

मतली और उल्टी होना:- जब शरीर ऊर्जा के लिए चर्बी या Fat का इस्तेमाल करता है तो इससे शरीर में
किटोन बनता है लगातार शरीर ऊर्जा के लिए Fat का इस्तेमाल करता जिसका परिणाम ये होता है की किटोन खून में खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है ।
यह स्थिति जीवन के लिए खतरनाक हो सकती है जिसे डायबिटिक कीटोएसिडोसिस ( diabetic ketoacidosis ) कहते हैं । इसके होने पर पेट में अजीबा सा महसूस होता है ।

पेशाब में शुगर के लक्षण – Diabetes symptoms in urine in hindi

डायबिटीज ( diabities ) से पीडित व्यक्ति को आम लोगो की तुलना में ज्यादा पेशाब लगता है क्योकि खून में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है जिसको शरीर पेशाब के द्वारा बहार निकालता है ।

सामान्य तौर पर एक व्यक्ति को 24 घंटो में 4 से सात बार पेशाब लगता है जबकि मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति इससे अधिक बार पेशाब के लिए जाता है ।

लेकिन ऐसा क्यो होता है? देखिये सामान्य तौर पर जब ग्लूकोस गुर्दों से गुजरता है तो गुर्दे ग्लूकोस को दोबीरा अवशोषित कर लेते हैं लेकिन मधुमेह की हालत में खून में अधिक ग्लूकोस या शुगर होती है जिसके कारण गुर्दे उसे पुरी तरह अवशोषित नही कर पाते जिसकी वजह से वो अधिक मात्रा में पेशाब बनाते है

क्योकि ज्यादा पेशाब बनने की हालत में लोग जल्दी-जल्दी मुत्र त्याग के लिए जाते है इसलिए शरीर में पानी की कमी होने लगती है जिसके कारण अधिक प्यास लगती है, अधिक प्यास लगने के कारण व्यक्ति अधिक पानी पीता है और अधिक पानी के कारण उसे अधिक पेशाब भी लगता है और ये चक्र इसी तरह चलता रहता है ।

इसके अलावा High शुगर Level होने के कारण इम्यूनिटी भी कमजोर पडनेे लगती है जिसका नतीजा ये होता है की व्यक्ति को यूरिन इंफेक्शन तक होने लगता है ।

इंफेक्शन की वजह से Urine तेज गंध आने लगती है इसलिए यूरिन में किसी भी प्रकार की तेज गंध महसूस होने पर सतर्क हो जाएं क्योकि ये पेशाब में शुगर के लक्षण हो सकता है ।

तो ये कुछ पेशाब में शुगर के लक्षण थे जिन्हे आपको जरूर में ध्यान रखना चाहिये ।

मधुमेह के कारण ( Cause of diabetes in hindi )

टाइप 1 मधुमेह के कारण

डॉक्टर भी पुरी तरह नही जानते की टाइप 1 मधुमेह क्यो होती है लेकिन किसी कारण हमारे शरीर का इम्यून सिस्टर ( immune system ) गलती से अग्न्याशय की कोशिकाओ पर हमला कर देता है जिसके कारण इंसुलिन बनना बंद हो जाता है । जबकि कुछ का अनुमान है की ये जींस के कारण होता है लेकिन इस बात की भी संभावना बनी रहती है की शायद कोई वायरस इम्यून सिस्टम पर हमला करता है जिसकी वजह से इम्यून सिस्टम गलती से अग्नाशय की कोशिकाओं पर हमला कर देता है ।

टाइप 2 मधुमेह के कारण

टाइप 2 मधुमेह अनुवंशिक और गलत जीवनशैली दोनों के कारण हो सकता है इसके अलावा जो लोग ज्यादा मोटे होते हैं उन्हे Type 2 diabetes होने का खतरा अधिक रहता है खासकर की पेट पर ज्यादा मोटापा होने से, क्योकि इससे कोशिकाए इंसुलिन के प्रति प्रतिरोध करती हैं ।

गर्भकालीन मधुमेह के कारण

गर्भकालीन मधुमेह गर्भावस्था के दौरान के हुए हार्मोनल बदलाव के कारण होता है । गर्भावस्था के समय placenta से एक हार्मोन निकलता है जिससे गर्भवती महिला की कोशिकाए इंसुलिन के प्रति कम सवेंदनशील हो जाती है । इसी के कारण गर्भवस्था में मधुमेह हो जाता है । जिन महिलाओ का वजन अधिक होता है या जिनका वजन गर्भावस्था के दौरान बढ़ जाता है उनका मधुमेह होना का घतरा अधिक होता है ।

शुगर कैसे कम करे ( Sugar kaise kam kare )

यहाँ हम आपको ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए कुछ उपाय, तरीके और आयुर्वेदिर दवाओं के बारे में बता रहे हैं जिनको पालन कर के आप मधुमेह को नियंत्रित कर सकते हैं ।

प्रतिदिन व्यायाम करिये

अगर आप शुगर को काबू में रखना चहाते हैं तो फिर आपको प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए क्योकि रेगुलुर व्यायाम करने से वजन घटता है और शरीर में इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है ।

इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता बढ़ने का मतलब है की आपका शरीर खून में मौजूद शुगर का इस्तेमाल सही से कर पाएगा । इसके अलावा Exercise करने से शरीर शुगर का इस्तेमाल ऊर्जा बनाने के लिए करता है जिससे खून में शुगर का लेवल घटता है ।

व्यायाम करने के लिए तैराकी, जॉगिग, दौडना, साइकिल चलाना, नाचना या वेट लिफ्टिंग की जा सकती है ।

कार्बोहाइड्रेट कम लिजिए

जब हम कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन करते हैं तो वो शुगर ( खासकर की ग्लूकोस ) में बदल जाता है जिसके बाद इंसुलिन उसे कोशिकाओं तक पहुचा देता है लेकिन मधुमेह में कोशिकाए इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील होता है जिसके कारण वो ग्लूकोस खून में मिलकर शुगर का स्तर बढ़ाता है ।

इसलिए आपको कार्बोहाइड्रेट कम लेना चाहिए इससे ब्लड शुगर का लेवल कम होगा इसके अलावा कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट लेने से वजन भी कम होता है जिससे मधुमेह कंट्रोल करने में मदद मिलेगी

फाइबर अधिक लिजिए

फाइबर कार्बोहाइड्रेट के पाचन और शुगर के अवशोषण को कम करता है जिससे शुगर का स्तर कम होता है । लेकिन ये फाइबर के प्रकार पर निर्भर करता है क्योकि फाइबर घुलन और अघुलनशील दो प्रकार का होता है । वैसे ये दोनो ही फाइबर जरूरी हैं लेकिन घुलनशील फाइबर से ज्यादा फायदा होता है क्योकि इससे शुगर लेवल कम होता है ।

आप फाइबर कई प्रकार की सब्जियों, फलों और व्होल ग्रेन से ले सकते हैं । वैज्ञानिक तौर पर हर महिला को प्रतिदिन 25 ग्राम फाइबर लेना चाहिए और पुरूष को 38 ग्राम फाइबर लेना चाहिए |

अधिक पानी पिजिए

अधिक पानी खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है इसके अलावा ज्यादा पानी पीने से निर्जलीकरण रूकती है जिसके कारण गुर्दे मुत्र के द्वारा शुगर को शरीर के बहार निकाल देते हैं ।

एक अध्ययन में पता चला की जो लोग अधिक मात्रा में पानी पीते हैं उनके खून में शुगर का लेवल ज्यादा High नही होता है । ज्यादा पानी पीने से खून हाइड्रेट रहता है, ब्लड शुगर का स्तर कम होता है और मधुमेह का खतरा भी बहुत कम रहता है ।

लेकिन ध्यान रहे की आपको बाजार में उपलब्ध पिये पदार्थ जैसे- कोल्ड ड्रिंक्स, डिब्बों मे पैक जूस और सोडा नही पीने हैं इनसे खून में ग्लूकोस बढ़ जाएगा

जरूरत से ज्यादा ना खाए

मधुमेह को हराने के लिए थोडा कम आहार लेना चाहिए क्योकि कम भोजन करने से थोडा वजन कम होगा जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहेगा । वैसे भी आपको स्वस्थ रहने के लिए केवल पौष्टिक भोजन करना चाहिए यदि आप कम भोजन करते हैं लेकिन पोषण से भरपूर भोजन करते हैं तो तब भी आप स्वस्थ रहेगे

इसलिए आपको स्वाद के बजाए सेहतमंद और जीने के लिए खाना चाहिए । इसके लिए आप Portion control कर सकते हैं । Portion control को करने के लिए इन पॉइट्स को Follow करिये;-

•portions का नाप एंव तौल करिये
•छोटी थालियों का इस्तेमाल करिये
•रोस्त्रां में जाना बंद करिये
•एक फूड जर्नल रखिये
•भोजन धीरे-धीरे और माइंडफुल होकर करिये

कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद पदार्थों को खाए

ग्लाइसेमिक इंडेक्स को उन खाद पादर्थो के प्रति ब्लड शुगर की प्रतिक्रिया जानने के लिए बनाया गया था जिनमें कार्बाहाइड्रेट होता है । ये कार्बोहाइड्रेट के आकार और प्रकार पर निर्भर करता है की वो ब्लड शुगर पर कैसा प्रभाव डालेगा ।

कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करने से Long-term में शुगर लेवल कम होता है देखिये ग्लाइसेमिक इंडेक्स महत्वपूर्ण है लेकिन ये भी जरूरी है की आप कितनी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कर रहे हैं । इसलिए ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाले खाद पदार्थें का सेवन करने से बचें ।

कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों में
सीफूड, मांस, अंडे, जई, जौ, सेम, दाल, फलियां, शकरगंद, मक्का, यम, और गैर-स्टार्च वाली सब्जियां
आती हैं ।

तनाव कम करिये

शायद आपको ना पता हो लेकिन ज्यादा तनाव लेने से खून में शुगर की मात्रा बहुत बढ़ जाती है दरअसल तनाव के समय हमारे शरीर में ग्लूकागन और कार्टिसोल नाम के दो हार्मोन्स निकलते जिससे शरीर में शुगर का लेवल बढ़ता है ।

एक अध्ययन में पता चला की रीलेक्सेशन एंव रेगुलर मेडिटेशन से काफी हद तक तनाव कम होता तथा ब्लड शुगर भी कम रहता है ।

रीलेक्सेशन और व्यायाम के तरीके जैसे योगा एंव माइंडफुसनेस से भी तनाव कम होता है और इनका दूसरा सबसे बडा फायदा ये है की इनसे मधुमेह में इंसुलिन से जुडी समस्याए कम होती है जिनसे Diabetes कम करने में मदद मिलती है ।

प्रतिदिन अपने ब्लड शुगर के स्तर को मापें

इंग्लिश में एक कहावत है “What gets measured gets managed.” यानी जिसे नापा जा सकता उसे प्रबंधित भी किया जा सकता है यह बात मधुमेह के रोग में भी लागू होती है । अगर आप डेली ब्लड शुगर को मापते है तो इससे आपको पता चल जाएगा की कब आपको भोजन और दवाओं में बदलाव करना या कब उन्हे लेना है ।

इससे आपको ये भी पता चलेगा की कौन सा खाद पदार्थ खाने से शरीर मे शुगर का स्तर बढ़ जाता है । इसलिए प्रतिदिन अपने शुगर लेवल को मापिये

अच्छी नींद लिजिए

अच्छी नींद लेने से ना केवल शरीर ऊर्जा से भर जाता है बल्कि ये स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी है । खराब नींद और ज्यादा थकान शुगर के स्तर को और इंसुलिन सवेंदशीलता को बुरी तरह प्रभावित करती है । जिसके कारण भूख बढ़ती है और वजन भी बढ़ता है जिसकी वजह से आगे चल कर शुगर का लेवल बढ़ जाता है ।

अच्छी तरह और आरामदायक नींद ना लेने से शरीर मे वृध्दि हार्मोन्स ( growth hormones ) कम हो जाते हैं और कार्टिसोल का स्तर भी बढ़ जाता है जिसकी वजह से शुगर का स्तर नकारात्मत रूप से प्रभावित होता है ।

केवल ज्यादा सोना ही काफी नही है नींद की गुणवक्ता भी जरूरी है इसलिए आपको इन दोने में संतुलन बना कर चलना चाहिए

क्रोमियम और मैग्नीशियम से भरपूर खाद पदार्थ खाएं

मधुमेह माइक्रोन्यूट्रिएंट जैसे- क्रोमियम और मैग्नीशियम की कमी से भी सम्बन्धित है । क्रोमियम कार्बोहाइड्रेट और वसा के चपापचय के मेटाबोलिज्म में involved रहता है इसके अलावा क्रोमियम शुगर का स्तर भी कम करता है ।

मधुमेह के मरीजों पर दो अध्ययन हुए थे जिनमे पता चला था की क्रोमियम को लेने से long-term में शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है हलाकि एक अध्ययन के अनुसार क्रोमियम लेने से कोई फायदा नही हुआ ।

क्रोमियम युक्त खाद्य पदार्थों में अंडे की जर्दी, साबुत अनाज उत्पाद, उच्च चोकर वाले अनाज, कॉफी, नट्स, हरी बीन्स, ब्रोकोली और मांस शामिल हैं।

मैग्नीशियम से भी ब्लड शुगर लेवल घटता है और इसकी कमी होने पर शुगर का स्तप बढ़ने लगता है । एक अध्ययन के अनुसार जो लोग मैग्नीशियम से भरपूर डाइट लेते हैं उन्हे मधुमेह होने का खतरा 47 प्रतिशत तक कम होता है ।

मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों में गहरे पत्ते वाले साग, साबुत अनाज, मछली, डार्क चॉकलेट, केला, एवोकाडो और बीन्स शामिल हैं

शुगर की आयुर्वेदिक दवा और घरेलू उपाय ( Sugar ki dawa )

यहाँ हम आपको मधुमेह को निंयत्रित करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक औषधियों एंव घरेलू उपायों के बारे मैं बता रहे हैं जिनका पालन कर के आप शुगर के स्तर को काफी हद तक कम कर लेगे

सेब का सिरका इस्तेमाल करिये

सेब का सिरका स्वास्थ के लिए बहुत फायदेमंद है, इसके अलावा सेब के सिरके से मधुमेह को भी काबू किया जा सकता है ।

कई स्टाडीस बताती हैं की सेब के सिरके से शरीर की शुगर के प्रति प्रतिक्रिया प्रभावित होती है और इंसुलिन संवेदनशीसता भी बढ़ती है ।

सेब का सिरका लेने के लिए आप इसे सलाद के साथ या 8 औंस पानी में 2 के साथ डाल कर ले सकते हैं ।

दालचीनी है लाभकारी

दालचीनी स्वास्थ्य से जुडे कई फायदों के लिए जानी जाती है । लेकिन इसका मधुमेह में और अधिक फायदा है क्योकि इससे इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है और कोशिकीय स्तर पर इंसुलिन का प्रतिरोध घटता है । इसके अलावा कई अध्ययनों मे पाया गया है की दालचीनी से ब्लड शुगर का लेवल 29 प्रतिशत तक घट जाता है ।

दालचानी पाचन तंत्र में कार्बोहाड्रेट के टूटने को धीमा कर देता है, जो भोजन के बाद शुगर लेवल में वृद्धि को नियंत्रित करता है ।

बेरबेरीन करेगा मधुमेह को कंट्रोल

बेरबेरीन एक चीनी जड़ी-बुटी है जिसका इस्तेमाल हजारों सालों से मधुमेह को ढ़ीक करने के लिए किया जाता रहा है । बेरबेरीन शुगर के स्तर को कम करता है और कार्बोहाइड्रेट को तोट कर उसका ऊर्जा के लिए इस्तेमाल शुरू कर देता है ।

इससे अच्छी बात है की बेरबेरीन उन मँहगी दवाईयों की तरह है जिनसे ब्लड शुगर नियंत्रित होता है ।

लेकिन गलत तरीके से लेने पर इलके कई Side effects जैसे:- दस्त, कब्ज, पेट फूलना और पेट में दर्द हो सकते हैं । बेरबेरीन को एक दिन 1,500 mg से ज्यादा नही लेना चाहिए और इसे हमेशा खाने कै बाद ही लेना चाहिए अगर आप दिन में तीन बार भोजन के बाद 500mg बेरबेरीन लेगे तो आपकी आपकी एक दिन की 1,500Mg खुराक पुरी हो जाएगी ।

मेथी के बीज हैं मधुमेह मे कारगर

मेथी के बीज घुलनशील फाइबर का बहुत अच्छा स्त्रोत होते जोकि खून में शुगर के लेवल को कम करता है । कई अध्ययनों मे भी ये बात साबित हो चुकी है की मेथी के बीज मधुमेह में प्रभावि तरीके शुगर लेवल को कम कर देते है । इसके अलावा मेथी के बीजों से उपवास ग्लूकोस कम होता है और ग्लूकोस सहनशीलता भी बढ़ती है । मेथी के बीजों के सेवन के लिए आप इसका आटा पिसवा सकते हैं या इसकी चाय बनवा सकते हैं ।

जामुन है मधुमेह में फायदेमंद

मधुमेह में जामुन बहुत ही कारगर है क्योकि इसके सेवन से इंसुलिन का उत्पदान उत्तेजित होता है । जामुन गुर्दे के स्वास्थ के लिए बहुत लाभदाय है इसके प्रतिदिन सेवन करने से मधुमेह में बहुत राहत मिलती है । इसका सेवन करने के लिए डेली सुबह एक चम्मच जामुन के बीज के पाऊडर को एक ग्लास पानी में डाल कर खाली पेट पिजिए |

गिलोय है लाभकारी

गिलोय डाइबीटिज की एक अच्छी एंव असरदार दवा है इसके सेवन से मधुमेह के लक्षण खत्म होते और शुगर का स्तर भी कम होता है । इसके साथ ही गिलोय का उपयोग करने से रोग प्रति रोधक क्षमता भी मजबूत होती है । रात को एक चम्मच गिलोय के पाऊडर को एक कप पानी में डालकर रखा छोड़ दिजिए और सुबह खाली पेट पी लिजिए । इससे आपको काफी फायदा मिलेगा ।

तो दोस्तों ! हमें उम्मीद है की आपको हमारा ये आर्टिकल शुगर की दवा ( Sugar ki dawa / sugar kaise kam kare ) जरूर पसंद आया होगा अगर पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तो और रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करें