Tsh test in hindi टीएसएच टेस्ट क्या है

हमारे दिमाग में मटर के दाने के आकार की एक ग्रंथि होती है जिसे पिट्यूटरी ग्रंथि ( Pituitary Gland ) कहते हैं इससे ही थायरायड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (Thyroid Stimulating Hormone) निकलता है जो थायराइड ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोंस को रेगुलेट करता है ।

टीएसएच टेस्ट ( TSH Test ) एक प्रकार की खून का जाँच होती है जिसमें थायरायड स्टिमुलेटिंग हार्मोन के लेवल को चेक कर के ये पता किया जाता है की क्या थायराइड ग्रंथि सही से काम कर रही है या नही ।

तो दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल में TSH Test के बारे में गहराई से बताने जा रहे हैॆ ताकि आपकी इस टेस्ट से जुडी कंफ्यूजन दूर हो जाए तो चलिए जानते हैं TSH test in hindi के बारे में

टीएसएच टेस्ट क्या है / Tsh test in hindi

Tsh test in hindi
Tsh test in hindi

थायराइड ग्रंथि गर्दन के बीच में तितली के आकार की होती है ये शरीर की महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो कई जरूरी हार्मोन का उत्पादन करती है जैसे:- ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3), थायरोक्सिन (T4), और कैल्सीटोनिन

थायराइड ग्रंथि इन तीन हार्मोने के कारण ही कई जरूरी शरीरिक क्रियाओं को कंट्रोल करता है जैसे:- मेटाबोलिज्म और ग्रोथ हार्मोन ।

जब पिट्यूटरी ग्रंथि ( Pituitary Gland ) अधिक मात्रा में थायरायड स्टिमुलेटिंग हार्मोन का उत्पादन करता है तो थायरायड भी अधिक मात्रा में हार्मोन का उत्पदान करता है इस तरह ये दोनों ग्रंथि एक साथ काम करती हैं । लेकिन जब इन दोनो ग्रंथियों का सम्बन्ध टूट जाता है तो थायरायड कम या ज्यादा हार्मोन का उत्पादन करने लगता है । जिससे कई प्रकार Health problems भी हो सकती हैं ।

TSH test को थायराइड हार्मोनों का असामान्य लेवल चेक करने के लिए किया जाता है ताकि डॉक्टर समझ सके की आपका थायराइड कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है ।

टीएसएच टेस्ट क्यो किया जाता है

ज्यादातर मामलों में डॉक्टर तभी TSH Test करवाने के लिए कहता है जब मरीज को थायराइड की बिमारी या थायराइड का विकार होता है ।

थायराइड की बिमारी को दो हिस्सों हाइपोथायरायडिज्म ( hypothyroidism ) और अतिगलग्रंथिता ( hyperthyroidism ) बाटा जा सकता है । चलिए इसके बारे में थोडा विस्तार से जानते हैं ।

हाइपोथायरायडिज्म ( hypothyroidism ):~ हाइपोथायरायडिज्म एक प्रकार की ऐसी हालत है जिसमें थायराइड बहुत कम हार्मोनो का उत्पादन करने लगता है जिसके कारण मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है । हाइपोथायरायडिज्म होने पर व्यक्ति को कई प्रकार के लक्षण महसूस होते हैं जैसै:- थकान, कमजोरी, और एकाग्रता में कमी ।

मगर हाइपोथायरायडिज्म क्यो होता है? हाइपोथायरायडिज्म के कई कारण हो सकते हैं जैसे:-

* हाशिमोटो की बीमारी:~ एक ऑटोइम्यून की हालत है जिसमे शरीर अपनी ही थायरॉयड की कोशिकाओं पर हमला करने लगता है जिसकी वजह से थायरॉयड पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नही बना पाता, आमतौर पर इस बिमारी में लक्षण नही दिखते इसलिए जब तक व्यक्ति को पता चलता है कि उसे यह समस्या है तब तक ये बिमारी काफी आगे बढ़ चुकी होती है ।

* थायराइडिस थायरॉयड:- थायराइडिस थायरॉयड एक स्थिति है जिसमें व्यक्ति के थायरॉयड पर सूजन आ जाती है ऐसा अक्सर वायरल संक्रमणों या हाशिमोटो की बीमारी के कारण ही होता है । इस हालत में थायरॉयड से उत्पादित हार्मोन बुरी तरह प्रभावित होते लगते है जिसकी वजह से अंत में हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है ।

* पोस्टपार्टम थायरॉयडिटिस:- पोस्टपार्टम थायरॉयडिटिस में ज्यादा चिंता की जरूरत नही होती क्योकि ये अल्पकालिक थायरॉयडिटिस होती है जोकि ज्यादातर महिलाओं को तब होती है जब वो किसी बच्चे को जन्म देती है ।

अतिगलग्रंथिता ( hyperthyroidism ):-
यह एक ऐसा विकार है जिसमें थायरॉयड अधिक मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करने लगता है जिसकी वजह से चयापचय तेज हो जाता है । यदि किसी व्यक्ति को ज्यादा भूख, चिंता या सोने में दिक्कत हो रही है तो उसे अतिगलग्रंथिता हो सकता है । हाइपोथायरायडिज्म की तरह अतिगलग्रंथिता भी कई कारण होते हैं जैसे:-

* ग्रेव्स बिमारी:- ग्रेव्स बिमारी को अतिगलग्रंथिता का मुख्य कारण माना जाता है । इस बिमारी से पीडित व्यक्ति के थायरॉयड का आकार बढ़ जाता है जिसके कारण थायरॉयड अधिक मात्रा में हार्मोनो को बनाने लगता है । जिसके कारण ये आगे चल कर अतिगलग्रंथिता होने में योगदान देता है ।

* थायराइडिस भी अतिगलग्रंथिता का कारण बन जाता है क्योकि इसमें थायरॉयड पर सूजन आने लगती है जिसके कारण हो सकता है की थायरॉयड अधिक मात्रा में हार्मोनों को बनाने लगे लेकिन ये अवस्था ज्यादातर मामलों में अल्पकालिक होती है ।

* अधिक मात्रा में आयोडिन का होना:- यदि किसी व्यक्ति के शरीर में अधिक मात्रा में आयोडीन है तो इससे उसका थायरॉयड अतिसक्रिय ( overactive ) हो जाता है । ऐसा अक्सर उन दवाईयों को लेने के कारण होता है जिनमें आयोडीन पाया जाता है ।

इन दवाओं में खासी के सीरप ( cough syrups ) और दूसरी दवाएं शामिल हैं ।

* थायराइड नोड्यूल:- थायराइड नोड्यूल एक सौम्य गांठ हैं जो कभी-कभी थायरॉयड पर बन जाती हैं जब यह गांठ अपना आकार बढ़ाने लगती है तो ये ऑवरएक्टिव हो जाती है जिसकी वजह थायराइड हार्मोन का अधिक उत्पादन शुरू कर देता है ।

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टेस्ट से पहले क्या तैयारी करें

TSH test के लिए आपको कोई खास या लम्बी-चौडी तैयारी करने की जरूरत नही है । लेकिन यदि आप किसी प्रकार की दवाईयों का सेवन करते हैं तो उनके बारे में अपने डॉक्टर को जरूर बता दें क्योकि कुछ खास प्रकार की दवाएं टेस्ट की सटीकता को प्रभावित करती है । इन दवाईयों में मुख्य तौर पर आती हैं:-

* ऐमियोडैरोन
* डोपामाइन
* लिथियम
* प्रेडनिसोन
* पोटैशियम आयोडाइड

जब आप डॉक्टर को इन दवाईयों के बारे में बताएगे तो हो सकता है की वो आपको कुछ समय के लिए इन्हे लेने के लिए मना कर दे मगर जब तक डॉक्टर मना ना करे तब तक आपको खुदके द्वारा इन्हे लेना बंद नही करना चाहिए

TSH test कैसे किया जाता है

TSH test में आपके खून का थोडा सैम्पल लिया जाएगा । खून आपकी कोहनी की नस से लिया जाएगा । खून का सैम्पल लेने के लिए इन चरणों का पालन किया जाएगा:-

* सबसे पहले खून लेने वाला व्यक्ति आपकी त्वचा पर उस जगह एंटी-सैप्टिक लगाएगा जहाँ से उसे खून लेना है

* फिर वो व्यक्ति आपकी बाजू पर रबड की बैंड बाँध देगा ताकि उसे आपके बाजू की नसे साफ-साफ दिख जाएं

* इसके बाद वो किसी नस में इजेक्शन के द्वारा खून का सैम्पल इकट्टा कर के उसे किसी काँच के ट्यूब में रख देगा ।

* खून लेने के बाद वो व्यक्ति आपकी त्वचा को किसी नर्म चीज से ढ़क देगा ताकि वहाँ से ज्यादा खून ना निकले

इस पुरे खून के सैम्पल लेने की प्रक्रिया में कुछ ही मिनट लगेगे, इसके बाद उस खून के सैम्पल को लैब में टेस्ट के लिए भेज दिया जाएगा, टेस्ट का नतीजा आने पर रिपोर्ट डॉक्टर को भेज दी जाएगी जिसके बाद डॉक्टर आपको रिपोर्ट का नतीजा बताएगा ।

टेस्ट के नतीजों को कैसे समझें

TSH टेस्ट में TSH लेवल की नॉर्मल रेंज 0.4 से 4.0 milli-international units per liter होती है
इससे अधिक TSH लेवल होने का मतलब है की थायराइड अडंरएक्टिव ( underactive ) है जोकि हाइपोथायरायडिज्म का सूचक है ।

अगर TSH टेस्ट में TSH लेवल का लेवल नॉर्मल रेंज से कम है तो इसका मतलब है की थायराइड अतिसक्रिय यानी ऑवरएक्टिव है जोकि अतिगलग्रंथिता का सूचक है ।

आपके टेस्ट के नतीजों को देखने और समझने के बाद हो सकता है की आपका डॉक्टर कुछ दूसरे टेस्ट भी करवाए ताकि उसे आपकी समस्या पुरी तरह समझ आ जाए इसके बाद ही वो सही इलाज कर पाएगा ।

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निष्कर्ष

तो दोस्तो हमें उम्मीद है की आपको अच्छी तरह TSH test in hindi के बारे में पता चल गया होगा यदि आप इसी तरह Health and fitness से रीलेटेड आर्टिकलों से जुडे रहना चहाते हैं तो हमारे ब्लॉग से जुडे रहें ।

 

आइये जानते हैं टीएसएच टेस्ट क्या है ( TSH test in hindi ) और इससे जु़ड़ी महत्वपूर्ण एंव जरूरी जानकारी साथ ही जानिये जरूरी सावधानियों एंव तैयारीयों के बारे में