अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है ? जानें अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण, How to know boy or girl by ultrasound report in Hindi

अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है – एक लड़की का माँ बनना उसके लिए सबसे सुखद एहसास होता है फिर चाहे संतान लड़का हो या लड़की। लेकिन काफी सारे माता पिता को यह जानने की उत्सुकता होती है कि उनकी होने वाली संतान लड़का है या लड़की।

ऐसे दम्पति के लिए यह आर्टिकल बहुत मददगार साबित होने वाला है क्योंकि आज हम बात करने वाले हैं अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण क्या हैं (Ultrasound me ladke ki kya pehchan hai) और अल्ट्रासाउंड में प्लस प्लस का मतलब क्या होता है।

अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है

आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे की स्थिति की जाँच करने लिए डॉक्टर के द्वारा 4 से 5 बार महिला का अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इसी अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट से अल्ट्रासाउंड में लड़के की पहचान की जा सकती है हालंकि यह सिर्फ एक अनुभवी डॉक्टर की उपस्थिति में ही सम्भव है।

चूंकि भ्रूण की जाँच कर लड़का या लड़की का पता लगाना कानूनन दंडनीय अपराध है, डॉक्टर आपको यह नहीं बताते हैं। इसलिए आप खुद अल्ट्रासाउंड देखकर पता लगा सकते हैं कि आपकी संतान लड़का है या लड़की।

अल्ट्रासाउंड द्वारा लड़का या लड़की होने के लक्षण (Ultrasound me ladka hone ke lakshan) का पता लगाने के साथ ही अल्ट्रासाउंड में लड़के की धड़कन कितनी होती है, इसका भी अनुमान लगाया जा सकता है।

कुल मिलाकर अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट देखकर गर्भ में पल रहे बच्चे से जुडी काफी सारी जानकारी मिल सकती है यदि आपको अल्ट्रासाउंड देखने का तरीका पता हो। इसलिए इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें और आज ही पता लगाएं।

नोट – भारत में गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग (gender) की जाँच करना एक्ट Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act, 1994 के तहत दंडनीय अपराध है। इस एक्ट के तहत 3 वर्ष तक की सजा हो सकती है और दस हज़ार रुपए तक जुर्माना हो सकता है।

अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है | How to know boy or girl by ultrasound report in Hindi

शरीर के आंतरिक अंग की जाँच के लिए अल्ट्रासाउंड एक बेहतरीन टेक्निक है और इसके प्रयोग के द्वारा डॉक्टर अक्सर गर्भ में पल रहे बच्चे की स्वास्थ जाँच के लिए भी करता है। अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण का पता भी एक अनुभवी डॉक्टर लगा सकता है।

अस्पताल में गर्भ में पल रहे बच्चे की जाँच कराना कि वह लड़का है या लड़की, एक दंडनीय अपराध है इसलिए अधिकतर डॉक्टर आपको यह नहीं बताते हैं। लेकिन आप स्वयं अल्ट्रासाउंड देखकर और कुछ लक्षणों की पहचान कर पता लगा सकते हैं कि आपकी संतान क्या होगी। अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण निम्नलिखित हैं –

नाड़ी का कोण – नब लिंग परीक्षण

शायद आप नहीं जानते होंगे लेकिन नाड़ी के कोण (caudal notch) द्वारा भ्रूण के लड़का या लड़की होने का पता लगाया जा सकता है। यदि अल्ट्रासाउंड में नाड़ी या दुम का निशान 30 डिग्री से अधिक के कोण पर ऊपर की ओर दिखाई दे रहा है तो यह लड़का होने के संकेत हैं।

चूंकि भ्रूण में बच्चे के लिग और अन्य जननांग का समुचित निर्माण होना 3 महीने बाद ही शुरू होता है इसलिए इससे पहले अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है यह पता लगाना मुश्किल है। हालाँकि अनुभवी डॉक्टर ही इसका ठीक से पता लगा सकते हैं।

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टर्टल या हैमबर्गर टेक्निक से पता चलते हैं अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण

अल्ट्रासाउंड में लड़का होने की पहचान (Ultrasound me ladke ki kya pehchan hai) 3 महीने बाद की जा सकती है क्योंकि 3 महीने पूरे होने पर या 14th हफ्ते के बाद बच्चे के शरीर के अंग बनना शुरू हो जाते हैं।

बच्चे के बन रहे अंग के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि बच्चा लड़का है या लड़की और ऐसा ही एक तरीका है टर्टल या हैमबर्गर टेक्निक। यह  तरीका लड़का होने के लक्षण पता लगाने का सबसे सटीक तरीका है।

How to 'predict' baby's gender from an early ultrasound

जननांग वाली जगह में टर्टल यानि कछुए के आकार का चिन्ह लिंग का चिन्ह होता है जो पैदा होने वाले बच्चे का लड़के होने का संकेत देता है। जबकि लड़की होने पर जननांग की जगह पर तीन रेखाएं देखि जा सकती हैं जो की हैम्बर्गर का चिन्ह बनाते हैं।

दिल की धड़कन – अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है

अल्ट्रासाउंड में लड़के की धड़कन कितनी होती है, इस बात से भी लड़का या लड़की होने का पता लगाया जा सकता है लेकिन यह तरीका इतना सफल नहीं होता है।

एक्सपर्ट्स की माने तो यदि बच्चे की धड़कन की स्पीड 140 bpm (beats per minute) से कम है तो यह लड़का होगा और 140 bpm से अधिक है तो यह लड़की होगी, लेकिन यह सर्वेक्षण हमेशा सफल नहीं होता है।

सम्भव है कि बच्चे की बीट्स पर मिनट 140 से अधिक हो और वह लड़का हो या फिर इसका उल्टा भी सम्भव है। इसलिए यह तरीका सटीक रिजल्ट नहीं देता है।

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Ultrasound me ladke ki kya pehchan hai – एरेटिक पेनिस

जैसे जैसे लड़की अपनी प्रेगनेंसी की ओर बढ़ती जाती है, गर्भ में लड़का या लड़की होने का पता लगाना आसान होते जाता है और अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण साफ़ दिखाई देते हैं। एरेटिक पेनिस यानि उभरा हुआ लिंग 4th या 5th महीने से दिखाई देने लगता है।

यदि लड़का होने वाला है तो पेनिस का हिस्सा साफ़ दिखाई देने लगता है और लड़की होने वाली हो तो आप समझ ही सकते हैं। इस तरह से आप जान सकते हैं How to know boy or girl by ultrasound report in Hindi. डिलीवरी के नजदीक पहुंचते पहुंचते कोई आम आमदमी भी अल्ट्रासाउंड देख कर लड़के की पहचान कर सकता है।

पेट में लड़का है कैसे पता चलता है? गर्भ में लड़का होने के लक्षण

अल्ट्रासॉउन्ड से लड़के का पता लगाने का अलावा भी ऐसे बहुत सारे तरीके हैं जिनसे महिलाऐं अक्सर गर्भ में क्या है, इसका अनुमान लगाती हैं। इन तरीकों को आप घरेलु तरीके कह सकते हैं लेकिन ये हमेशा सही नहीं होते हैं, आप आजमा जरूर सकते हैं।

  • प्रेगनेंसी के दौरान महिला के सर के बाल घने और अधिक काले होने लगते हैं तो ऐसा माना जाता है की लड़का होगा।
  • डिलीवरी का समय नजदीक आने में यदि पुरुष कमजोर दिखने लगता है और दुबला पतला हो जाता है तो लड़की होने की संभावना होती है।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान यदि खट्टा और नमकीन अधिक खाने का मन करता है तो लड़का होगा।
  • महिलांए और दाई अम्मा खुद ही महिला का पेट देखकर अनुमान लगा लेती है कि पेट में लड़का होगा या लड़की होगी।
  • प्रेग्नेंसी के समय दांया स्तन बांये स्तन से बड़ा और भारी हो तो तो इसे गर्भ में लड़का होने का लक्षण माना जाता है।
  • यदि महिला का मूड प्रेगनेंसी के दिनों में बहुत ज्यादा स्विंग (mood swing) करता है जैसे कभी बहुत अधिक भूख लगती है तो कभी खाने का मन नहीं करता तो यह गर्भ में लड़का होने की पहचान है।

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अल्ट्रासाउंड में प्लस प्लस का मतलब क्या होता है ?

अल्ट्रासाउंड report की जाँच पर अनेक प्रकार की जानकारियां उपलब्ध हो जाती हैं। ठीक इसी प्रकार अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में प्लस माइनस का मतलब (Plus plus sign in ultrasound report) भी आपको पता होना चाहिए।

जाँच के दौरान यदि आपकी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में प्लस प्लस आया है तो इसका मतलब है कि पेट में पल रहा बच्चा लड़का है और यदि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में माइनस आया है तो लड़की होगी। अधिक जानकारी आप अपने डॉक्टर से प्राप्त कर सकते हैं।

अल्ट्रासाउंड में लड़के की धड़कन कितनी होती है ?

जब महिला गर्भधारण करती है यानी प्रेग्नेंसी के शुरूआती दिनों में गर्भ में भ्रूण 140 से 160 bpm होता है और यह सामान्य हर्ट रेट है। गर्भवस्था के अंतिम चरणों में यह घटकर 120 से 140 बीपीएम तक आ जाता है। कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अल्ट्रासाउंड में लड़के की धड़कन से लड़का या लड़की होने का पता लगाया जा है जैसा कि हमने ऊपर बताया है।

निष्कर्ष

दोस्तों, अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है (Ultrasound me ladke ki kya pehchan hai) इसकी चर्चा आज हमने इस आर्टिकल में की है। साथ ही हमने जाना अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण क्या हैं और अन्य महत्वपूर्ण सवालों के जवाब भी जानें। उम्मीद है आपको आर्टिकल पसंद आया होगा।

डिस्क्लेमर – गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग (gender) की जाँच करना एक्ट Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act, 1994 के तहत दंडनीय अपराध है। इस एक्ट के तहत 3 वर्ष तक की सजा हो सकती है और दस हज़ार रुपए तक जुर्माना हो सकता है।

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